Edited By Isha, Updated: 07 Jun, 2019 01:33 PM
डी.पी.एस. पानीपत रिफायनरी से 12वीं पास छात्रा दीपाली कुहाड़ ने जब प्राइवेट अस्पताल में महंगी फीस लेते डॉक्टर को देखा तो उसने गरीबों की सेवा के लिए डॉक्टर बनने की ठान ली। एक बार सरकारी अस्पताल
पानीपत (खर्ब): डी.पी.एस. पानीपत रिफायनरी से 12वीं पास छात्रा दीपाली कुहाड़ ने जब प्राइवेट अस्पताल में महंगी फीस लेते डॉक्टर को देखा तो उसने गरीबों की सेवा के लिए डॉक्टर बनने की ठान ली। एक बार सरकारी अस्पताल में भी देखा की अस्पताल में सही देखभाल नहीं हो रही। उसने ठान लिया कि अब तो डॉक्टर ही बनना है। मेहनत करके पढ़ाई की जिसके बाद अब नीट की परीक्षा में 623 अंक प्राप्त कर सपने को पूरा किया।
सैक्टर-13-17 में रहने वाली दीपाली कुहाड़ ने बताया कि जब उसने इस प्रकार की घटनाएं देखी तो तभी से डॉक्टर बनने का सपना संजो लिया था तथा मेहनत करके पढ़ाई की। 12वीं में 96. 4 प्रतिशत अंक प्राप्त किए और 10वीं में भी अच्छे अंक मिले थे। दीपाली ने कहा कि उसके पिताजी रियल एस्टेट का काम करते हैं, मां हाउस मैनेजर है और छोटा भाई आदित्य 10वीं कक्षा में पढ़ता है। मैं डॉक्टर बनकर गरीब लोगों की सेवा करना चाहती हूं। मैं डॉक्टर बनकर नि:स्वार्थ, निष्पक्ष भाव से गरीब लोगों की सेवा करना चाहती हूं। मेरी पढ़ाई में मेरे परिजनों व कोङ्क्षचग इंस्टीट्यूट का भी अहम रोल रहा।