Edited By Shivam, Updated: 23 Feb, 2019 06:33 PM
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के 19 वें दिन भी सात कर्मचारी चार दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। भूख हड़ताल के दौरान जहां एक महिला कर्मचारी की हालत बिगड़ गई। वहीं बर्खास्त महिला कर्मी नौकरी जाने से रो पड़ी और समर्थन देने पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल...
भिवानी(अशोक भारद्वाज): एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के 19 वें दिन भी सात कर्मचारी चार दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। भूख हड़ताल के दौरान जहां एक महिला कर्मचारी की हालत बिगड़ गई। वहीं बर्खास्त महिला कर्मी नौकरी जाने से रो पड़ी और समर्थन देने पहुंचे पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के समक्ष अपनी पीड़ा बयां की। पूर्व मंत्री ने प्रशासन व सरकार पर आरोप लगाया कि अगर इनकी जान चली गई तो कौन जिम्मेदार होगा। ऐसे में सत्ता व विपक्ष के विधायकों को विधानसभा में इनकी समस्याएं प्रमुखता से उठानी चाहिए, ये हरियाणा प्रदेश के ही निवासी हैं, गुलाम नहीं।
चरखी दादरी के सरकारी अस्पताल में एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल को समर्थन देने पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान व कांग्रेस प्रदेश सचिव अजीत फौगाट पहुंचे। यहां कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए उनकी मांगे पूरी करने की मांग की। हड़ताली कर्मचारियों का नेतृत्व कर रही जिला प्रधान अंजू बाला ने कहा कि पिछले एक वर्ष से उनको वेतन नहीं दिया गया है। यहां तक कि उनको दिए जाने वाले सुरक्षा लाभ भी सरकार ने रोक दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 95 कर्मियों का बर्खास्त किया जा चुका है। सात कर्मचारी चार दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। जिनमें से एक महिला कर्मी की हालत आज बिगड़ गई।
प्रदर्शन के दौरान पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के समक्ष एक महिला कर्मी बर्खास्त होने पर रो पड़ी और कहा कि सरकार ने उनकी रोजी-रोटी छीन ली है, अब कैसे गुजारा करें। पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से बर्खास्त कर्मियों को वापिस लेते हुए उनकी मांगे पूरी करने की मांग की। कहा कि भूख हड़ताल के कारण अगर किसी कर्मचारी की जान चली गई तो कौन जिम्मेदार होगा।
इस दौरान उन्होंने डीसी से फोन से बात कर भूख हड़ताल पर बैठे कर्मियों के स्वास्थ्य की जांच करने के साथ इलाज करवाने की बात कही। सीटू नेत्री कमलेश भैरवी ने समर्थन देते हुए कहा कि सरकार ने एनएचएम कर्मचारियों को गुलाम बना लिया है। ऐसे में इनके साथ पाकिस्तान जैसा व्यवहार कर हटाया गया है। सरकार समय रहते कर्मचारियों की मांगे पूरी करें अन्यथा प्रदेश भर में सभी विभागों को एकजुट करके बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।