Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Aug, 2017 04:10 PM
रोजवेज नीति पर सरकार और रोडवेज कर्मचारियों के बीच तकरार अभी भी बनी हुई है।
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरनी):रोजवेज नीति पर सरकार और रोडवेज कर्मचारियों के बीच तकरार अभी भी बनी हुई है। 2016-17 की नीति पर जबरदस्त घमासान होने के चलते सरकार ने उस नीति को रद्द कर नई नीति को सामने लाया था, जिसमें 452 रूट्स तय किए थे। नई नीति में सारा काम तयशुदा तरीके से चल ही रहा था लेकिन कोर्ट के नए निर्देशों के बाद अब इसमें भी पेंच फंसने के आसार हैं। कोर्ट ने कहा है कि नई नीति पर ऑब्जेक्शन फाइल करने का एक और मौका दिया जाना चाहिए, जिसके बाद सरकार ने 25 अगस्त तक रोडवेज कर्मियों और आम जनता को नई नीति पर ऑब्जेक्शन फाइल करने का वक्त दिया है। इस नई नीति का ड्राफ्ट भी करीब करीब बनकर तैयार हो चुका था और उसे कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी थी। मगर अब नए सिरे से ऑब्जेक्शन आने पर सरकार को उन पर भी विचार करना होगा।
सितंबर में लागू हो सकती है नई परिवहन नीति
इस सब के बाद अब सितंबर में नई परिवहन नीति के अस्तित्व में आने की उम्मीद है। रोडवेज नीति का मसला सरकार और रोडवेज कर्मचारियों के बीच तकरार का मुद्दा लंबे वक्त से बना हुआ है। परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार के मुताबिक नई नीति पर अब तक 1034 सुझाव और ऑब्जेक्शन आ चुके हैं जिस पर सुनवाई करने के लिए सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव एस एस ढिल्लो की ड्यूटी लगाई गई है। पंवार के मुताबिक सारी प्रक्रिया पूरी होते ही सितंबर महीने तक नई नीति को लागू कर दिया जाएगा।
GST की वजह से नहीं हो पाई नई बसों की खरीद!
परिवहन नीति के चलते नई बसों की खरीद पर भी परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बयान दिया है। पंवार के मुताबिक GST की वजह से नई बसों की खरीद में पेंच फंस गया था जिसकी वजह से सिर्फ 75 बसों की खरीद का रास्ता साफ हो पाया था। GST की वजह से 200 बसों की चैसी की खरीद में रुकावट आ गई और अब वो मामला भी अधर में लटका था। हालांकि अब पंवार के मुताबिक हाईपावर परचेस कमेटी की मदद से 150 नई बसें खरीदने के ऑर्डर दे दिये गए हैं और उन बसों की खरीद जल्दी ही की जाएगी।