Edited By Deepak Paul, Updated: 23 Apr, 2018 12:08 PM
आने वाले चुनावों में कई युवा और नए चेहरे मैदान में देखने को मिलेंगे। इनमें से कुछ ऐसे हैं जिन्हें राजनीति विरासत में मिली है। कुछ ऐसे हैं जिन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने में अपने दम पर जनता के बीच पहचान बनाई है। अहीरवाल के कुछ नेताओं को अपने...
अम्बाला(नरेन्द्र वत्स): आने वाले चुनावों में कई युवा और नए चेहरे मैदान में देखने को मिलेंगे। इनमें से कुछ ऐसे हैं जिन्हें राजनीति विरासत में मिली है। कुछ ऐसे हैं जिन्होंने इस मुकाम तक पहुंचने में अपने दम पर जनता के बीच पहचान बनाई है। अहीरवाल के कुछ नेताओं को अपने उत्तराधिकारियों को चुनाव मैदान में उतारने के लिए अपनी खुद की टिकट की कुर्बानी भी देनी पड़ सकती है।
रेवाड़ी के प्रथम विधायक रहे राव अभय सिंह के पौत्र अभिमन्यु राव ने नारनौल के नांगल चौधरी से ताल ठोकने की तैयारी काफी समय से शुरू की हुई है। उन्होंने घर-घर जाकर लोगों से मिलने के लिए अभियान चलाया हुआ है। इनेलो में प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके अभिमन्यु राव अब कांग्रेस में हैं। उन्हें किरण चौधरी का पूरा साथ मिल रहा है।
कांग्रेस हाईकमान पर मजबूत पकड़ होने के कारण किरण अभिमन्यु राव को टिकट दिलाने का पूरा प्रयास करेंगी। अभिमन्यु श्रुति चौधरी को लोकसभा में भेजने के लिए अपने वोट बैंक का इस्तेमाल करेंगे।
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपनी उत्तराधिकारी आरती राव को चुनाव मैदान में उतारने के लिए तैयार हैं। आरती ने महेंद्रगढ़ क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है। भाजपा में परिवारवाद की राजनीति को बढ़ावा नहीं दिया जाता जिससे आरती और इंद्रजीत दोनों को टिकट मिलने के आसार कम हैं। बेटी को चुनाव मैदान में उतारने के लिए इंद्रजीत अपने इंसाफ मंच को फिर से खड़ा करके नई पार्टी का गठन कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार इंद्रजीत की इस मामले में कई वरिष्ठ नेताओं से बातचीत भी चल रही है।
महेंद्रगढ़ से पूर्व सी.पी.एस. राव दान सिंह अपने बेटे अक्षत राव को अपने ही हलके से विधानसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी में हैं। उनका प्रयास यह रहेगा कि वे खुद कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा का चुनाव गुरुग्राम से लड़ें। अगर टिकट वितरण के समय पूर्व सी.एम. भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चली तो दान सिंह इस काम को अंजाम देने में कामयाब हो सकते हैं। दान सिंह हुड्डा के खास सिपहसलारों में गिने जाते हैं। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव खुद कांग्रेस की टिकट पर गुरुग्राम से चुनाव लड़कर अपने बेटे चिरंजीव राव को रेवाड़ी हलके से विधानसभा चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रहे हैं। वे हुड्डा विरोधी खेमे में माने जाते हैं।
अगर टिकट वितरण के समय हुड्डा की चली तो वह कैप्टन का यह अरमान पूरा नहीं होने देंगे। बेटे को टिकट दिलाने के लिए उन्हें अपनी टिकट की कुर्बानी देनी पड़ेगी। हुड्डा रेवाड़ी हलके में कैप्टन की काट ढूंढ चुके हैं। रेवाड़ी में उन्होंने महाबीर यादव मसानी को पूरा आशीर्वाद दिया हुआ है। महाबीर इस क्षेत्र में काफी सक्रिय हो चुके हैं। उन्होंने न सिर्फ मसानी में हुड्डा की रैली सफल करवाई, बल्कि रक्तदान से लेकर अन्य सामाजिक कार्यों में भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। पार्षद प्रशांत यादव उर्फ सन्नी भी विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी में हैं।
कोसली में बदल जाएंगे समीकरण
कोसली हलके में आने वाले चुनावों में समीकरण बदले-बदले नजर आएंगे। इनेलो में रहकर पार्टी के लिए निष्क्रिय की तरह रहे जगदीश यादव का विकल्प पार्टी को विजय भूरथला के रूप में मिल चुका है। विजय भूरथला ने इस हलके से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था। मोदी लहर के बावजूद उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में करीब 16 हजार वोट लिए थे। अब वह इनेलो में शामिल हो चुके हैं। जगदीश यादव भी इस हलके से अपने बेटे गौरव यादव को चुनाव मैदान में उतार सकते हैं। जगदीश के लिए प्लस प्वाइंट यह है कि इस हलके में उनका अपना फिक्स वोट बैंक है। इस हलके में कुछ और नए चेहरे देखने को मिलेंगे।