Edited By Shivam, Updated: 29 Mar, 2019 10:35 AM
रोहतक आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए करवाया गया ऑप्रेशन ही अब मरीजों के लिए खतरा बन गया है। अलग-अलग जिलों के नागरिक अस्पतालों में हुए ऑप्रेशन के बाद 42 लोगों की आंखों पर आफत बन आई है। आंखों में संक्रमण के कारण मवाद (पस) बन गई है, मामला इतना गंभीर...
रोहतक (दीपक भारद्वाज): प्रदेश के कुछ सरकारी अस्पतालों में हुए आंख के आप्रेशन के बाद डाली गई दवाई से फैले संक्रमण के बाद कई मरीजों की आंखों की रोशनी जाने का खतरा पैदा हो गया है। विभिन्न सरकारी अस्पतालों से गंभीर मरीजों को पी.जी.आई. रोहतक रैफर किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। शिकायत मिलने के बाद कई अस्पतालों ने जांच कमेटियों का गठन कर दिया है।
कुछ दिन पूर्व भिवानी के सरकारी अस्पताल में करीब 400 आंखों के आप्रेशन किए गए थे। इनकी आंखों में दवाई डालने के बाद मवाद आने से उनकी दृष्टिï बाधित होने लगी। इसकी शिकायत पर इनमें से 35 मरीजों को रोहतक पी.जी.आई. रैफर किया गया।
करनाल में मामले की जांच के लिए विभाग की टीम ने मैडीकल कालेज के आप्रेशन थिएटर में पहुंचकर दवाइयों के सैंपल लिए। टीम में शामिल डा. नरेश ने बताया कि सिविल सर्जन द्वारा टीम गठित की गई है। सैम्पलों की रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्टï होगी।
उल्लेखनीय है कि कल्पना चावला राजकीय मैडीकल कालेज में 28 फरवरी को आंख के 14 आप्रेशन किए गए थे। इनमें से 5 मरीजों ने दृष्टिï बाधित होने की शिकायत की थी जिनमें से 2 को ज्यादा संक्रमित 2 मरीजों को पी.जी.आई. रैफर किया गया था।इसी प्रकार करनाल, झज्जर व कुरुक्षेत्र से भी कुछ ऐसे मरीज पी.जी.आई . भेजे गए थे। इनमें से कई के दोबारा आप्रेशन किए जा चुके हैं।
मरीज बोले : सारी दवाइयां बाहर से मंगवाते हैं डाक्टर
पी.जी.आई.एम.एस. के वार्ड 11 में भर्ती आंखों के संक्रमण ग्रस्त मरीजों के तीमारदारों ने पी.जी.आई. के इलाज पर भी गंभीर आरोप लगाए हंै। तीमारदारों ने बताया कि सारी दवाइयां बाहर से मंगवाई जाती हैं। यहां तक कि सॢजकल ब्लेड तक पी.जी.आई. में नहीं है। बाहर से 3300 रुपए से अधिक कि दवाइयां मंगवाई जा चुकी हैं। हर छोटी दवाई चिकित्सक छोटी पर्ची पर लिखकर बाहर से मंगवाते हैं।
चंडीगढ़ से डाक्टर को जांच अधिकारी बनाकर भेजा रोहतक
वहीं भिवानी मेें इस मामले की जांच के लिए चंडीगढ़ से डाक्टर असरुद्दीन को जांच अधिकारी नियुक्त कर उन्हें रोहतक पी.जी.आई. भेजा है। इसलिए उम्मीद है कि इस मामले का जल्द ही खुलासा हो जाएगा कि इन मरीजों की आंखें किस वजह से खराब हुई हैं।
मोतियाबिंद के आप्रेशन के बाद संक्रमण के चलते 38 मरीज यहां पहुंचे थे जिनके लिए डाक्टरों की विशेष टीम गठित की गई है। कितना विजन आएगा यह तो वक्त ही बताएगा। वहीं, बाहर से दवाइयां मंगवाने की कोई शिकायत मुझे नहीं मिली है।
-डा. रोहताश यादव, निदेशक पी.जी.आई. (रोहतक)।