राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की चाल हरियाणा में सुस्त, 5 साल में 2,471 में से 2,066 काम अधूरे

Edited By Isha, Updated: 06 Feb, 2020 11:09 AM

negligence 2 066 jobs out of 2 471 incomplete in 5 years

स्कूली शिक्षा में आधारभूत सुविधाओं को लेकर केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की चाल हरियाणा में सुस्त है। आलम यह है कि 2013-18 की अवधि दौरान कुल मंजूर हुए 2,471 कार्यों में से 2,066 कार्य अधूरे पा

सिरसा (नवदीप): स्कूली शिक्षा में आधारभूत सुविधाओं को लेकर केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की चाल हरियाणा में सुस्त है। आलम यह है कि 2013-18 की अवधि दौरान कुल मंजूर हुए 2,471 कार्यों में से 2,066 कार्य अधूरे पाए गए। इन कार्यों पर 204.66 करोड़ रुपए की राशि खर्च होनी थी। यही नहीं इससे पहले साल 2010 से 2012 की अवधि दौरान कुल 6,259 कार्यों में से 692 कार्य अधूरे पाए गए। इस आशय का खुलासा हाल ही में जारी महालेखाकार की 2019 की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है। जून 2018 में महालेखाकार की ओर से यह ऑडिट रिपोर्ट की गई थी। इसे अब संबंधित विभाग के अलावा केंद्रीय महालेखाकार को भेजा गया है। 24 माह की कार्य अवधि तक काम पूरे न होने के चलते करीब 200 करोड़ की राशि लैप्स हो गई। नतीजा यह है कि अभी भी हरियाणा के स्कूलों में शौचालय, रैम्प, लैब, अध्ययन कक्ष, चारदीवारी, गल्र्ज होस्टल जैसी सुविधाओं का अभाव है।

दरअसल मार्च 2009 में केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की शुरूआत की गई थी। इस अभियान के 4 महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं-सीनियर स्कूलों में गल्र्ज होस्टल, इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टैक्नोलॉजी, इन्क्लूसिव एजुकेशन फॉर डिस्एबल्ड एवं वोकैशनल एजुकेशन उपलब्ध करवाना। इस स्कीम को लागू करने की जिम्मेदारी हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की है लेकिन इसे लागू करने में हरियाणा की चाल बेहद सुस्त है। 

ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार स्कीम के अंतर्गत साल 2013 से 2016 तक 406 लैबोरेट्रीज बननी थीं, लेकिन महज 194 ही बनाई गईं। वहीं 47.18 करोड़ रुपए से बनाए गए 29 गल्र्ज होस्टल भी उचित तरीके से नहीं बने और उनका इस्तेमाल नहीं हुआ। योजना के अंतर्गत होने वाले कार्यों की सुस्त चाल का ही परिणाम रहा है कि 2010 से लेकर 2018 तक कुल 9,422 कार्यों में से ऑडिट रिपोर्ट में 6,433 ही पूरे पाए गए। 2,338 पर काम प्रगति पर रहा जबकि 651 पर काम ही शुरू नहीं हुआ। कुल 604 करोड़ में से करीब 200 करोड़ की राशि लैप्स हो गई और स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं उपलब्ध हो सकीं।

स्कूलों में ये मिलीं खामियां
महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में राज्य के सीनियर व सीनियर सैकेंडरी स्कूलों में आधारभूत सुविधाएं न होने का भी खुलासा हुआ है। रिपोर्ट अनुसार हरियाणा में कुल 3,276 सीनियर व सीनियर सैकेंडरी स्कूल हैं। 998 में पर्याप्त अध्ययन कक्ष नहीं हैं। 618 में रैम्प की व्यवस्था नहीं है तो 618 स्कूलों में खेल मैदान नहीं हैं। 262 स्कूलों में मुख्याध्यापक कक्ष नहीं है। 25 स्कूलों में चारदीवारी नहीं मिली तो 37 में ब्वॉयज टॉयलेट जबकि 17 स्कूलों में गल्र्ज टॉयलेट नहीं मिले।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!