Edited By Isha, Updated: 26 Jan, 2020 11:44 AM
जिले में बिगड़ी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के पास मांग पत्र भेजकर जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग की है। बृजपाल परमार ने बताया कि
भिवानी: जिले में बिगड़ी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के पास मांग पत्र भेजकर जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग की है। बृजपाल परमार ने बताया कि भिवानी जिले में 76 सरकारी डाक्टर्स के स्वीकृत पदों में केवल 15 सरकारी डाक्टर्स ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं जिससे कई विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद तो वर्षों से खाली पड़े हैं। इतना ही नहीं भिवानी जिला सामान्य अस्पताल के महिला वार्ड में सिर्फ एक ही महिला चिकित्सक हैं जिसकी वजह से गर्भवती महिलाओं को भी डिलीवरी के लिए रोहतक का रास्ता दिखाया जा रहा है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 535 स्वीकृत हैं लेकिन 207 पद ही भरे
बृजपाल परमार ने बताया कि सिविल सर्जन कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक 535 स्वीकृत हैं, जिनमें से केवल 207 पद ही भरे हुए हैं, जबकि 328 पद खाली पड़े हैं। खाली पड़े पदों में सबसे अधिक विशेषज्ञ चिकित्सक व विभिन्न बीमारियों से सम्बंधित एक्सपर्ट के पद हैं जिनके अभाव में भिवानी जिले के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कभी रोहतक तो कभी हिसार और दिल्ली तक दौड़ लगानी पड़ती है।
ओ.पी.डी. में औसतन 1300 से 1500 मरीज आते हैं
परमार का कहना है कि सबसे अधिक जानमाल की हानि तो सड़क हादसों में उठानी पड़ती हैं जिसमें समय पर विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं मिलने के कारण रैफर किए गए मरीज की रास्ते में ही मौत हो जाती है। अगर ये सभी चिकित्सकों के पद भरे जाए तो लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। वहीं, सड़क हादसों में गंभीर घायलों की भी जान बच पाएगी। जिला सामान्य अस्पताल की ओ.पी.डी. में औसतन 1300 से 1500 मरीज आते हैं, बिना विशेषज्ञ के अधिकांश मरीज तो बाहर अपना इलाज बाहर कराने पर मजबूर हैं।