Edited By Shivam, Updated: 03 Jul, 2020 06:23 PM
राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर कोरोना महामारी संकट में मजदूर कर्मचारी आम जन मानस पर केंद्र व राज्य के भाजपा नेतृत्च वाली सरकारों द्वारा जारी आर्थिक हम लोग जनतांत्रिक अधिकारों श्रम कानूनों को खत्म करने, सार्वजनिक क्षेत्र को बड़े...
पानीपत (राजेश): राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर कोरोना महामारी संकट में मजदूर कर्मचारी आम जन मानस पर केंद्र व राज्य के भाजपा नेतृत्च वाली सरकारों द्वारा जारी आर्थिक हम लोग जनतांत्रिक अधिकारों श्रम कानूनों को खत्म करने, सार्वजनिक क्षेत्र को बड़े पूंजीपतियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बेचने के लिए खिलाफ देश भर में विरोध दिवस आयोजित किया गया। पानीपत जिले में भी इसी संदर्भ में मजदूर संगठन सीआईटी यू, इंटक, एचएमएस के कार्यकर्ताओं ने शहर में विरोध जुलूस निकलकर प्रधानमंत्री के नाम लिखित ज्ञापन पत्र दिया।
ज्ञापन में मुख्य मांगे इस प्रकार से रही
- मजदूरों के काम के घंटे आठ से बढ़ाकर 12 करने के निर्णय को तुंरत वापस लिया जाए।
- प्रवासी व स्थानीय जरूरतमंद परिवारों को 10 किलो अनाज प्रति व्यक्ति व सूखा राशन मुक्त दिया जाए।
- सभी मजदूरों को 75 सौ रूपए नगद आर्थिक मदद की जाए।
- ठेकेदारी प्रथा खत्म करो।
- स्थाई रोजगार का प्रबंध करो।
- कच्चे कर्मचारियों को पक्का करो।
- आशा आंगनवाड़ी मिड-डे मिल स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दो।
- ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का पक्का करो।
- इंडियन अधिकारों और श्रम कानूनों को खत्म करने वाले मजदूर विरोधी देश वापिस लो।
- मनरेगा में काम के दिन 200 करो, 600 शहरों में भी मनरेगा को लागू किया जाए।
- हटाए गए पीटीआई अध्यापकों को काम पर वापस लो।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व सीटू राज्य सचिव सुनील दत्त, जिला संयोजक जयभगवान, जिला के प्रधान सेवक सिंह मलिक, जिला सचिव पवन सैनी, इंटक के जिला सचिव महावीर शर्मा, जिला प्रधान बिजेंद्र मलिक, खेत मजदूर यूनियन के लिए उपप्रधान अंग्रेज सिंह ने किया। ट्रेड यूनियनों के विरोध दिवस का समर्थन वामपंथी पार्टियों की तरफ से किया गया सीपीआई के राज्य सचिव कामरेड दरियाव सिंह कश्यप, सीपीएम नेता राजेंद्र छौक्कर ने कहा कि ट्रेड यूनियनों की सभी मांगे जायज है। केंद्र व राज्य सरकार इन मांगों को गंभीरता से विचार करते हुए तुरंत लागू करें।