Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Aug, 2017 05:07 PM
फरवरी 2016 में हुए जाट अारक्षण आंदोलन मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में आंदोलन के दौरान दर्ज मुकद्दमों
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):फरवरी 2016 में हुए जाट अारक्षण आंदोलन मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में आंदोलन के दौरान दर्ज मुकद्दमों की जांच के लिए नई एस.आई.टी. का गठन किया गया है। IPS अमिताभ ढिलो आई.जी. हिसार रेंज की अध्यक्षता में एस.आई.टी. के गठन का आदेश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी। मुरथल गैंगरेप में हरियाणा सरकार ने समय की मांग की है। ममता सिंह की अध्यक्षता वाली एस.आई.टी को 12 अक्टूबर तक फाइनल रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
मुरथल गैंगरेप मामले में एस.आई.टी. चीफ ने हाई कोर्ट में कहा कि उनको जांच में कुछ नहीं मिला, जिससे यह साबित हो कि जाट आंदोलन के चलते मुरथल में गैंग रेप हुआ हो। एस.आई.टी. के जवाब पर इस मामले में नियुक्त एमिकस क्यूरी ने कहा कि एस.आई.टी. मामले की सही जांच नहीं कर रही है। एमिकस क्यूरी ने एस.आई.टी. की जांच प्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए मामले को जांच के लिए सी.बी.आई. को देने की मांग की।
उल्लेखनीय है कि फरवरी 2016 में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में हुए कथित दुष्कर्म प्रकरण की जांच पर पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट ने नाराजगी जताई थी। हाईकोर्ट ने मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआइटी) को फटकार लगाई। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के संकेत दिए थे। आंदोलन के दौरान जीटी रोड पर सोनीपत के मुरथल में वाहनों को रोककर महिला यात्रियों को गाडियों से खींचकर खेतों में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म की बात सामने आई थी और इस संबंध में समाचार पत्रों में खबरें छपी थीं। इस पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया।
सूत्रों के मुताबिक आंदोलन के दौरान हाईवे पर महिलाओं को अराजक तत्वों ने खेतों में घसीटा था और उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट ने इसकी जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश दिए। अभी तक की जांच में एसआईटी को न तो कोई पीड़ित मिला है न कोई अारोपी। उसके पास जांच के लिए कुछ अंत:वस्त्र हैं, जिन पर मिले दागों के सहारे एसआईटी को जांच करनी है। हाई कोर्ट में गत माह 14 जुलाई को एसआईटी ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट की एक और कड़ी दाखिल की थी। इसे देखने के बाद एमिक्स क्यूरी अनुपम गुप्ता ने इस रिपोर्ट को शून्य करार देते हुए कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। केवल खानापूर्ति है। इसके बाद हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया था।
हरियाणा सरकार और एसआईटी का लगातार यह कहना रहा है कि मुरथल में सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ, बस छेड़छाड़ हुई थी। एसआईटी की तरफ से दो प्रत्यक्षदर्शी गवाहों टूर ऑपरेटर बॉबी जोशी और टैक्सी ड्राइवर राजकुमार के बयान रिकॉर्ड किए गए थे। दोनों ने अपने बयान में कहा है कि आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में मुरथल के पास उपद्रवी महिलाओं को जबरन खींचकर झाड़ियों और खेतों की तरफ ले जा रहे थे। हाइवे पर मिले फटे कपड़ों और उन पर मौजूद निशानों से यह लगता है कि दुष्कर्म हुआ था।