Edited By Isha, Updated: 20 Jan, 2020 10:43 AM
आने वाले दिनों में शहरवासियों पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है। नगर निगम अपनी आर्थिक हालात सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएगा। सरकार ने निगम को किसी भी तरह की सहायता देने से इंकार ......
फरीदाबाद (दीपक पांडेय) : आने वाले दिनों में शहरवासियों पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है। नगर निगम अपनी आर्थिक हालात सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएगा। सरकार ने निगम को किसी भी तरह की सहायता देने से इंकार कर दिया है। मुख्यमंत्री आवास चंडीगढ़ में मेयर और निगम कमिश्नर की हुई बैठक के बाद इस बात के संकेत मिले हैं। यही नहीं मुख्यमंत्री ने मेयर और निगम कमिश्नर के कई अधिकारों में भी बढ़ोत्तरी करने का भी संकेत दिया है। ताकि हर काम के लिए चंडीगढ़ आने अथवा फाइलें भेजने की जरूरत न पड़े।
सरकार ने मेयर और आयुक्त को 10 करोड़ रुपए तक के वित्तीय अधिकार देने का निर्णय लिया है। करीब चार घंटे तक चली मैराथन बैठक में मेयर सुमन बाला और निगम आयुक्त डॉ.यश गर्ग ने मुख्यमंत्री के सामने निगम का लेखा जोखा प्रस्तुत किए और कई कई सुझाव भी दिए जिसे मुख्यमंत्री ने सहमति जताई। फिलहाल शहर में चल रहे सीएम अनाउंसमेंट के पैसे अभी सरकार देगी। इसके अलावा नगर निगम को जरूरी उपकरण भी उपलब्ध कराएगी।
सीवर-पानी और प्रॉपर्टी टैक्स को रिवाइज करने के लिए जल्द ही मेयर सुमन बाला निगम पार्षदों के साथ बैठक करेंगी। सभी पार्षदों से विचार विमर्श करने के बाद इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। लेकिन इतना तय है कि बगैर टैक्स बढ़ाए नगर निगम का काम चलने वाला नहीं है। वर्ष 2011 में घरेलू पानी कनेक्शन मीटर 1000 लीटर का 1.25 रुपए, बिना मीटर के 60 रुपए महीना, कमर्शियल कनेक्शनों से 1000 लीटर का मीटर रीडिंग से 4 रुपए फ्लैट का 60 रुपए प्रति 1000 लीटर जबकि औद्योगिक संस्थानों से 1000 रुपए प्रति 1000 लीटर शुल्क निर्धारित है। जबकि सीवर का शुल्क प्रति सीट 8 रुपए महीना। साल में महज 96 रुपए शुल्क निर्धारित है।