नीति आयोग की प्रगतिशील जिलों की सूची में मेवात तीसरे नंबर पर (VIDEO)

Edited By Shivam, Updated: 06 Apr, 2018 11:07 PM

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही नीति आयोग ने एक सूची जारी की थी जिसमें देश में सबसे पिछड़े जिलों में मेवात सबसे पहले स्थान पर था, वहीं नीति आयोग की इस प्रगतिशील जिलों की सूची में मेवात ने पहला स्थान पाकर प्रदेश का मान बढ़ाया...

मेवात(एके बघेल): पिछड़े जिलों में सबसे तेज गति से सुधर रहे जिलों में मेवात तीसरे नंबर पर है। यह जानकारी उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा ने दी।  शर्मा ने बताया कि नीति आयोग की कल जारी की गई ताजा सूची में मेवात की प्रगति को तीसरे नंबर पर आंका गया है। जनवरी में नीति आयोग ने देश के पिछड़े जिलों की एक सूची तैयार की थी। जिसमें वर्ष 2017 और उससे पहले के कार्यों के आधार पर जिला मेवात को देश का सबसे पिछड़ा जिला माना था। लेकिन जनवरी से शिक्षा, स्वास्थ्य,  कृषि, आधार भूत ढांचे और रोजगार के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के चलते अप्रैल में जो सूची जारी की गई है उसमें नूंह ने प्रगति करने वाले टॉप तीन जिलों में जगह बनाई है।

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शर्मा ने जिला प्रशासन के अधिकारियों व टीम ट्रांसफार्म नूंह के सभी सदस्यों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सभी विभागों की लगन और मेहनत का नतीजा है कि हम थोड़े से समय में एक प्रगतिशील जिले के रूप में पूरे देश में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग की उन बेस्ट प्रैक्टिसों का भी उल्लेख किया जिनके बूते देश के अन्य जिलों के मुकाबले अपने हालात सुधारने में नूंह कामबयाब हुआ है।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही नीति आयोग ने एक सूची जारी की थी जिसमें देश में सबसे पिछड़े जिलों में मेवात सबसे पहले स्थान पर था, वहीं नीति आयोग की इस प्रगतिशील जिलों की सूची में मेवात ने पहला स्थान पाकर प्रदेश का मान बढ़ाया है।

उपायुक्त ने बताया कि स्कूलों में स्टार टीचरों की नियुक्ति और छात्र-छात्राओं को पहाड़े याद करने के लिए प्रेरित करने से बच्चें के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई और इस आत्मविश्वास से उनके अभिभावक भी बच्चें को स्कूल भेजने के ल्रिए प्रोत्साहित हुए। आम तौर पर मेवात में बच्चियों को पांचवीं से आगे पढऩे के लिए नहीं भेजा जाता। अभिभावकों को किसी अन्य गांव में अपनी बच्ची को भेजने में सुरक्षा की चिंता रहती है। उनकी सुरक्षा के मद्देनजर बालिका विद्या वाहिनी की शुरूआत की गई। एक अप्रैल को नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही नूंह जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मुफ्त किताबें, स्टेशनरी आदि दी जा रही है।

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उन्होंने बताया कि 23000 गर्भवती महिलाओं में  आयरन सुक्रोज की गोलियां बांटीं गई और इंजेक्शन लगाया गया। चार लाख से ज्यादा बच्चें को पेट में कीड़े मारने की दवा खिलाई गई जिसके नतीजे  बेहद अच्छे रहे हैं। नूंह को कैसे मुख्य धारा के साथ जोड़ा जाए उसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के दूसरे चरण की शुरूआत में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उपायुक्त को झुंझनू बुला कर प्रगति रिपोर्ट ली थी साथ ही यहां किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की थी। 

जिले की प्रभारी अधिकारी रजनी सेखरी सिब्बल और  मंडलायुक्त  डा. जी अनुपमा भी मेवात में टीम ट्रांसफॉर्म नूंह की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं। हाल ही में मुख्य सचिव श्री डीएस ढेसी ने सूरजकुंड में इस सिलसिले में नूंह के तमाम अफ सरों की एक बैठक ली थी और इसके बाद नूंह की तरक्की का एक एक्शन प्लान भी नीति आयोग को भेजा जा चुका है। गौरतलब है कि पूरे देश में नीति आयोग ने 115 अति पिछड़े जिलों  की घोषणा की थी जिसमें  हरियाणा से एकमात्र नूंह जिले को शामिल किया गया था।

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