Edited By Manisha rana, Updated: 05 Mar, 2021 04:00 PM
खेती के लिहाज से खण्ड के अधिकांश क्षेत्र में किसानों द्वारा गेहू की काश्त की जाती है। चूंकि हरियाणा प्रदेश के एक तरफ की अंतिम छोर पर ऐलनाबाद का बसा होने के चलते इस कि सीमाए राजस्थान के हनुमानगढ़ जिला को छूती...
ऐलनाबाद (सुरेंद्र ): खेती के लिहाज से खण्ड के अधिकांश क्षेत्र में किसानों द्वारा गेहू की काश्त की जाती है। चूंकि हरियाणा प्रदेश के एक तरफ की अंतिम छोर पर ऐलनाबाद का बसा होने के चलते इसकी सीमाएं राजस्थान के हनुमानगढ़ जिला को छूती है।राजस्थान की सीमा के साथ सटा होने के चलते न केवल ऐलनाबाद के लोगो मे राजस्थान की संस्क्रति की छटा झलकती है बल्कि सीमावर्ती क्षेत्र की मरु भूमि में खेती भी राजस्थान की तर्ज़ पर ही होती है । मरुभूमि में कम पानी वाली में पकने वाली फसल सरसो की काश्त होती है। लिहाज़ा क्षेत्र के किसान गेहू के साथ सरसो की फसल की काश्त करते है।
प्रदूषण फैलने से रोकने को ले कर सरकार द्वारा किसान के खेत मे आग न लगने जैसी लगाई गई पाबंदियों के चलते किसान को गेहूं की फसल निश्चित रूप से प्रभावित हुई है । लेकिन अब से पहले क्षेत्र में पड़ी ठंड ओर धुन्ध न केवल गेहू बल्कि सरसो की फसल के लिए आग में घी का काम किया और मौका पर किसानों की फसल लहला रही है जिस को देखकर किसान गदगद है। लेकिन दिन प्रतिदिन बढ़ रहे तापमान के चलते किसानों की चिंताएं बढ़नी शुरू हो गई है । फरवरी माह में ही दिन का तापमान इतना बढ़ गया था कि ऐसा तापमान हर वर्ष मार्च माह के दूसरे सप्ताह में जा कर होता है।
अलबत्ता किसान की गेहूं की फसल की अभी बल्लिया निकल रही है और बल्लियों में अभी दाना बनना शेष है। ऐसी बल्लियों में दाना बनने के लिए ठंडे मोसम की जरूरत है। प्रगतिशील किसान राज कुमार कुकडेजा ने बताया की गेहू की फसल के भरपूर उत्पादन के लिए अभी कुछ दिन ओर सर्दी की जरूरत है । लेकिन क्षेत्र में गत अनेक दिनों से एकाएक गर्मी बढ़ गई है और यह तापमान बढ़ कर लघभग दिन के समय मे 31 डिग्री तक पहुंच गया है जो कि निश्चित रूप से हमारी गेहू की फसल पर प्रतिकूल असर डालेगा । उन्होंने कहा की बढ़ रहे तापमान के चलते उन्हें गेहू की एक सिंचाई भी अधिक करनी पड़ेगी जिस से पानी की भी बर्बादी बढ़ेगी ।
अलबत्ता कुछ भी हो दिन के बढ़ रहे तापमान ने किसानों की चिंताएं इस प्रकार बढ़ा दी है कि कही किसान की गेंहू के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना भी प्रबल हो गई है। लेकिन मोसम विभाग द्वारा की गई भविष्यवाणी से अगले दो दिनों में कुछ राहत मिलने की संभावना है । चूंकि मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि अगले दो दिन में आसमान में बादल रहेंगे और अनेको स्थानों पर हल्की से मध्यम बरसात भी होने की संभावना है । ऐसे में अगर मोसम विभाग की जानकारी ठीक निकलती है तो निश्चित रूप से तापमान में गिरावट आएगी और किसान की गेहू की फसल को लाभ मिलेगा।
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