Edited By vinod kumar, Updated: 23 Jan, 2020 04:00 PM
दक्षिण भारत में भारतीय एयरफोर्स द्वारा अपनी तरह के पहले एयरबेस को विकसित किया गया है। जहां सुखोई 30 एमकेआई विमान पर ब्रह्मोस मिसाइल तैनात होगी। जो हिंद महासागर की निगरानी करेगा। तमिलनाडु के तंजावुर एयरबेस पर बनाई गई टाइगर शॉर्क नामक इस स्कवॉड्रन में...
कैथल: हरियाणा का जांबाज बेटा मनोज गेरा अब सुखोई-30 की कमान संभालेगा। इस नियुक्ति से परिवार में खुशी का माहौल है। वहीं यह उपलब्धि हरियाणा खासकर कैथल के लिए गौरवान्वित करने वाली है। बता दें कि दक्षिण भारत में भारतीय एयरफोर्स द्वारा अपनी तरह के पहले एयरबेस को विकसित किया गया है। जहां सुखोई 30 एमकेआई विमान पर ब्रह्मोस मिसाइल तैनात होगी। जो हिंद महासागर की निगरानी करेगा। तमिलनाडु के तंजावुर एयरबेस पर बनाई गई टाइगर शॉर्क नामक इस स्कवॉड्रन में सुपरसोनिक मिसाइल तैनात होने से दक्षिण भारत में भारतीय सुरक्षा को बड़ी मजबूती मिली है। इस स्कवॉड्रन के ग्रुप कैप्टन एवं कमांडिंग ऑफिसर मनोज गेरा कैथल से हैं।
उनकी इस नई नियुक्ति से परिवार में जश्र का माहौल है। मनोज गेरा के पिता कैथल में बिजनेसमैन हैं। उन्हें रविवार को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ मेजर जनरल बिपिन रावत ने बतौर कमांडिंग ऑफिसर स्मृति चिन्ह भी प्रदान किया। इस नियुक्ति पर खुशी जताते हुए ग्रुप कैप्टन मनोज गेरा के पिता मुरानी गेरा व उनके छोटे भाई गोरांग गेरा ने कहा कि मनोज गेरा ने वर्ष 1998 में एनडीए क्लीयर किया था। इसके बाद उन्हें कमीशन मिल गया था।
इसके बाद उन्हें मिग-21 उड़ाने के लिए बतौर पायलेट के तौर पर नियुक्ति मिली थी। अपनी नौकरी के दौरान उन्हें तेजपुर, सिरसा, पूना, बरेली सहित कई इलाकों में तैनाती मिली। इस दौरान उन्हें करीब 3000 घंटे तक मिग-21 उड़ाने का अनुभव प्राप्त है। अभी हाल ही मेें उनकी कमांडिंग ऑफिसर के तौर पर तैनाती हुई थी।
पिता का था एयरफोर्स में जाने का सपना, उड़ते जहाजों को करते थे सैल्यूट, बेटे ने पूरा किया
मुरारी गेरा ने कहा कि उनका सपना लड़ाकू विमान उड़ाने का था। जिस कारण बचपन में वे जब भी आसमान में उड़ते जहाजों को देखते थे तो उन्हें सैल्यूट करते हुए काफी देर तक खड़े रहते थे। पारिवारिक हालातों के कारण वे एनडीए पास नहीं कर पाए। लेकिन उनके बेटे ने उनका सपना पूरा कर दिया है।
यह बात कहते हुए उनका गला भर आया और कहा कि उनका सपना पूरा होने से उन्हें बेहद खुशी है और उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। आज जब उनका बेटा कमांडिंग ऑफिसर बन गया है तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। मुरारी गेरा कैथल में ही रहकर अपने छोटे बेटे गोरांग गेरा के साथ बिजनेस चलाते हैं।