हरियाणा सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का लाभ मिलता रहेगा: मनोहर लाल

Edited By Shivam, Updated: 29 Apr, 2020 05:13 AM

manohar lal said state government employees will continue to get benefit of da

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के कारण वित्तीय संकट के बावजूद, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट कर दिया है कि विवाह जैसे अपरिहार्य व्यय के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा अग्रिम जीपीएफ की निकासी पर कोई प्रतिबंध नहीं...

चंडीगढ़ (धरणी): कोविड-19 महामारी के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के कारण वित्तीय संकट के बावजूद, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट कर दिया है कि विवाह जैसे अपरिहार्य व्यय के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा अग्रिम जीपीएफ की निकासी पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। मुख्यमंत्री विभिन्न कर्मचारी संघ, हरियाणा सर्व कर्मचारी महासंघ, हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा राज्य कर्मचारी संघ और भारतीय मजदूर संघ के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्य्म एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

कर्मचारियों को सरकार की रीढ़ की हड्डी मानते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते (डीए) का लाभ मिलता रहेगा।  उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 12,316 पदों पर भर्ती के लिए अंतिम परिणाम, जिसके लिए पहले ही लिखित परीक्षा आयोजित की जा चुकी है, लॉकडाउन की अवधि पूरी होने के तुरंत बाद घोषित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के पांच वर्षों के कार्यकाल में, 68,560 पद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और लगभग 5000 पद हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा भरे गए हैं।  इसके विपरीत, राज्य में पिछली सरकार के पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल में केवल हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग  द्वारा लगभग 80,000 और हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा लगभग 8000 पदों को भरा गया था।  उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश में एक निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती नीति अपनाई है जिसके तहत युवाओं को योग्यता के आधार पर नौकरियां दी जा रही हैं। 

उन्होंने वेतन को दोगुना लेने से मना करने और हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में एक दिन के वेतन का योगदान देने के अपने फैसले के लिए नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा के लिए आभार भी व्यक्त किया।  उन्होंने कहा कि एक पत्र में, एसोसिएशन ने अवगत कराया है कि मुख्यमंत्री ने मासिक वेतन नर्सिंग स्टाफ को दोगुना करने की घोषणा की थी।  हालांकि, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर उन्होंने बढ़ोतरी को वापस लेने का फैसला किया है क्योंकि सरकार को बीमारी से लडऩे के लिए धन की आवश्यकता है।

इसके अलावा, नियमित नर्सिंग स्टाफ ने भी हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में एक दिन के वेतन का योगदान करने की इच्छा व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने सभी स्वास्थ्य संगठनों, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और एनएचएम, पुलिस कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों, बिजली, पब्लिक हेल्थ, और अन्य सभी विभागों का भी आभार व्यक्त किया जो इस संकट की घड़ी में लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2.80 लाख सरकारी कर्मचारियों में से, 2 लाख कर्मचारियों ने हरियाणा कोविड राहत कोष में योगदान करने की इच्छा व्यक्त की है और योगदान दिया।

उन्होंने शेष कर्मचारियों से भी आगे आने और फंड में योगदान देने की अपील की, जिसके तहत फंड में योगदान करने का विकल्प कर्मचारियों को अगले महीने के लिए भी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को हर महीने 6000  से 7000 करोड़ रुपये की राशि वेतन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और ऋण अदायगी सहित पेंशन के खर्च पर करनी पड़ती है, इसलिए कर्मचारी संघ को संकट के इस समय में कुछ भत्तों को जारी रखने या स्थगित करने सहित उनके खर्चों को कम करने हेतु आगे आना चाहिए और सुझाव देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि राज्य में कोई भी गरीब व्यक्ति भोजन से वंचित न रहे।  इसके लिए, राज्य सरकार द्वारा अब तक 1.93 करोड़ खाद्य पैकेट वितरित किए गए हैं।

इसके अलावा, लगभग 16,000 प्रवासी मजदूरों और बेघर लोगों के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है। कर्मचारी संघ के नेताओं ने मुख्यमंत्री को उनके सुझाव लेने के लिए धन्यवाद दिया और उनकी ज़रूरत के समय में राज्य सरकार को सभी समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया।

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