सुरजेवाला ने पहले खट्टर को कोसा, फिर खट्टर ने सुरजेवाला को लपेटा, फिर सुरेजवाला ने किया रिप्लाई

Edited By Shivam, Updated: 02 May, 2020 10:45 PM

एक ओर जहां देश कोरोना वायरस की जंग में जूझ रहा है, तो दूसरी ओर इसकी आड़ में राजनीति भी जमकर की जा रही है। आज हरियाणा में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है, जहां कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा की खट्टर सरकार को निशाने पर लिया, जिसके बाद...

चंडीगढ़: एक ओर जहां देश कोरोना वायरस की जंग में जूझ रहा है, तो दूसरी ओर इसकी आड़ में राजनीति भी जमकर की जा रही है। आज हरियाणा में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है, जहां कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा की खट्टर सरकार को निशाने पर लिया, जिसके बाद खुद मुख्यमंत्री मनोहर ने इसका जवाब देते हुए सुरजेवाला को ही लपेट लिया, जिस दोबारा सुरजेवाला ने ट्विटर के माध्यम से जवाब दिया है। हरियाणा में पक्ष-विपक्ष कुछ इसी प्रकार ही वाद-विवाद कर रहा है, जो काफी रोचक है।

दरअसल, बीते दिन शुक्रवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा की खट्टर सरकार को विभिन्न कर को लेकर निशाना साधा। सरकार द्वारा जनता से टैक्स लिए जाने को सुरजेवाला ने जजिया कर की संज्ञा दी इसके साथ ही कोरोना संकट के दौरान इस बंद करने की बात भी कही। सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार कोरोना महामारी में जनता से जबरन वसूली का काला अध्याय लिख रही है।

इस पर आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रोजाना की तरह जनता को संबोधित करने के कार्यक्रम 'हरियाणा आज' में सुरजेवाला को लपेट लिया। मुख्यमंत्री मनोहर ने तिलमिलाए अंदाज में कहा, ''प्रदेश में महीने का खर्च 10 हजार करोड़ रूपये के उपर का र्ख होता है, इसलिए हमने इन करों में आंशिक वृद्धियां कर अपने काम को सुचारू रूप से चला सकें, लेकिन कांग्र्रेस की सुरजेवाला ने जिस तरीके से मुद्दे को रखा है, ऐसा लगता है जनता से बहुत कुछ लूट लिया गया हो।''



मुख्यमंत्री ने ये भी कहा सुरजेवाला को सरकार का हिसाब किताब लेेने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि सालाना बजट का हिसाब किताब विधानसभा में रखा जाता है। मुख्यमंत्री ने सुरजेवाला के बयान 'जनता के जले पर नमक छिड़कने' पर कहा कि असल जलन तो इन्हें ही यह देखकर हो रही है कि कोरोना के संकट काल में भी हरियाणा सरकार किस प्रकार से स्थितियों को नियंत्रित रख रही है।

मुख्यमंत्री मनोहर ने हिसाब मांगने पर कहा कि हमने तो अपनी सैलरी कोरोना रिलीफ फंड में दी, 30 प्रतिशत सैलरी अगले साल भर के लिए भी कम कर दी है, 51 करोड़ रूपये का डीक्यू छोड़ दिया है। मुख्यंमंत्री ने सुरजेवाला से सवाल करते हुए कहा,  ''आज आप एक लाख 68 हजार रूपये पेंशन ले रहे हैं, लेकिन मालूम नहीं है आपने कोरोना रिलीफ फंड में आपने कोई योगदान किया है या नहीं।'' उन्होंने कहा कि यदि हम उन पांच साल का हिसाब लगा लें, जब सुरेजवाला विधानसभा के सदस्य थे तो मात्र 7 बार विधानसभा आए और पूरे 5 साल का खर्च एक करोड़ 12 लाख रूपये ले गए है। उन्होंने कहा कि यदि सुरजेवाला हिसाब लेना चाहते हैं तो हिसाब बहुत जगह से किया जा सकता है, फिर उन्हें बहुत सोचना पड़ सकता है।



वहीं मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद सुरजेवाला ने भी ईंट का जवाब पत्थर से देते हुए अपनी प्रतिक्रिया ट्विटर पर लिख डाली। उन्होंने लिखा कि माननीय खट्टर जी, 10 अप्रैल को सुबह 11.16 पर एक माह की पेन्शन स्वेच्छा से कोरोना फंड में देने बारे, बिना किसी आग्रह के, आपको लिखा था। बिना पढ़े सबूत माँग लिया। सबूत संलग्न है। कर्मचारी आपसे कोरोना फंड में जबरन लिए चंदे के खर्चे का सबूत माँग रहे हैं। आप ही दे दीजिए। इंतज़ार रहेगा।

 

 

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