मनोहर लाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद और ज्यादा ताकतवर बन उभरे

Edited By Shivam, Updated: 16 Sep, 2021 09:10 PM

manohar lal became more powerful after meeting pm narendra modi

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भाजपा के दिल्ली दरबार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद और ज्यादा ताकतवर हो उभरे हैं। 2 दिन पहले गुजरात में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को देश के गृह मंत्री अमित शाह...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भाजपा के दिल्ली दरबार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद और ज्यादा ताकतवर हो उभरे हैं। 2 दिन पहले गुजरात में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को देश के गृह मंत्री अमित शाह अपने साथ बिठाकर हवाई जहाज में गुजरात लेकर गए थे। मंगलवार को पीएम मोदी से मनोहर लाल का समय फिक्स था। गुजरात से लौटते ही मनोहर लाल का बृहस्पतिवार का समय पीएम से पुन: फिक्स हो गया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच अनुसार कार्य करने में जुटे हुए हैं। देश के पहले ऐसे सीएम मनोहर लाल हैं जो पीएम के सभी ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा कर लागू करने के बाद उन्हें सूचित करते हैं।

देश के अंदर भाजपा शासित राज्यों में कुछ राज्यों के अंदर जहां मुख्यमंत्री बदले जा रहे हैं। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बदले जाने के कयास लगाने व प्रचारित समाचारों पर भी अब विराम लगेगा, क्योंकि मनोहर लाल को 2 दिन पहले देश के गृहमंत्री अपने साथ हवाई मार्ग में गुजरात लेकर जाते हैं। पीएम उन्हें मिलने का समय दो दिन बाद दोबारा देते हैं। अमित शाह विस्तार से सब मुद्दों पर चर्चा करते हैं। हरियाणा में गठबंधन सरकार की हर बारीकियों, किसान आंदोलन तथा करनाल के घटनाक्रम पर खुलकर चर्चा होती है। हरियाणा में मनोहर पार्ट 2 के 2 साल पूरे होने वाले हैं उन सभी मुद्दों पर चर्चा होना स्वभाविक है। बृहस्पतिवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से विस्तार से हर मुद्दे पर चर्चा करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में आने वाले सभी मुद्दों में से अधिकांश मुद्दों को लागू करने वाला हरियाणा संभावित रूप से पहला राज्य है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ प्रचार में सक्रिय लोगों के लिए निसंदेह यह खबर एक करारे झटके से कम नहीं है कि देश के सबसे उच्च पदों पर बैठे गृह मंत्री अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें पूरी तवज्जो देते हैं। उनकी हर बात की अहमियत गृहमत्री अमित शाह वाह पीएम नरेंद्र मोदी के दरबार में है। बृहस्पतिवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का वक्त 2 दिन पहले ही जब वह दिल्ली वापस आए तो निर्धारित हो गया था। पीएम कार्यालय के द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बृहस्पतिवार का समय पुन: सुनिश्चित कर दिया। इससे पहले उनको 2 दिन पहले का समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलने के लिए प्रदान कर रखा था। 

पीएम मोदी की सोच की हर गरीब को कल्याणकारी योजनायों का सीधा लाभ मिले के मामले भी हरियाणा अग्रणीय राज्यों में शुमार है। राजनैतिक समीक्षक भी मानते हैं कि हरियाणा जैसा राज्य जहां पंजाब व हरियाणा के किसानों का आंदोलन बॉर्डर एरियाज पर लंबे समय से चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने व रास्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा नोटिस जारी होने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाई लेबल पर जो एसीएस होम राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई, जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी चर्चा होना स्वाभाविक है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वास पहले से ही अटूट है। मोदी जब हरियाणा के प्रभारी थे तब खट्टर भी भाजपा प्रदेश संगठन के कार्यों के दायित्व को बखूबी संभाल रहे थे।

25 साल पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक नरेंद्र मोदी प्रदेश के दौरे पर आए हुए थे। उसी समय 35 साल के मनोहर लाल खट्टर को तीन जिलों-रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़ और गुडग़ांव के प्रचारक के तौर पर जिम्मेदारी मिली थी। मुलाकात हुई तो दोनों के विचार, सोच, सादगी और काम करने के तरीके में इतनी समानता थी कि संबंध मजबूत होते चले गए। कभी साइकिल तो कभी स्कूटर, जो भी साधन मिलता प्रचार के लिए निकल जाते।

1994-95 में खट्टर को संघ की तरफ से सक्रिय राजनीति में आने का आदेश मिला। तब तक मोदी भी सक्रिय राजनीति में आ चुके थे। 1997-98 में मोदी हरियाणा के प्रभारी बने। उस समय खट्टर संगठन महामंत्री के तौर पर राज्य में भाजपा की राजनीतिक जमीन को उर्वरा बनाने में लगे हुए थे। दोनों ने साथ मिलकर जिला स्तर पर बैठकें शुरू की। भाजपा की विचारधारा के माध्यम से लोगों को कैसे जोड़ा जाए? इसके लिए दोनों ने सीधे संवाद की परंपरा को गति देनी शुरू कर दी। उसके बाद मोदी का जब भी हरियाणा में दौरा होता, सबसे पहले सूचना खट्टर के पास होती। मोदी जिस काम की रूपरेखा तैयार करते, उस पर खट्टर की सहमति व असहमति अवश्य ली जाती। इसी तरह अगर खट्टर भी कुछ नया सोचते, तो उसे मोदी के संज्ञान में अवश्य लाते। इसके बाद दोनों को शिमला और जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी दी गईं। यह सिलसिला मोदी के गुजरात में विधानसभा चुनाव लडऩे से पहले तक चला।

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