केन्द्र सरकार के अध्यादेशों के विरोध में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़ की मंडियां रहेंगी बन्द

Edited By Shivam, Updated: 19 Aug, 2020 12:10 AM

mandis will remain closed in against central government ordinances in haryana

केन्द्र सरकार के तीन अध्यादेश से पूरे देश के किसान व व्यापारियों में बड़ा भारी रोष देखने को मिल रहा है। इन अध्यादेशों के विरोध में 21 अगस्त को हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़ की मंडियां बन्द रहेंगी। जींद व्यापार मंडल के जिला प्रधान महावीर कंप्यूटर...

जींद (अनिल कुमार): केन्द्र सरकार के तीन अध्यादेश से पूरे देश के किसान व व्यापारियों में बड़ा भारी रोष देखने को मिल रहा है। इन अध्यादेशों के विरोध में 21 अगस्त को हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़ की मंडियां बन्द रहेंगी। जींद व्यापार मंडल के जिला प्रधान महावीर कंप्यूटर ने ऐलान किया कि अगर सरकार ने अपना आढ़ती व किसान विरोधी फरमान वापस नहीं लिया तो उसके बाद पूरे देश में अक्टूबर महीने से अनिश्चित काल मंडिया बंद करके व्यापारी, किसान व मजदूर सड़कों पर उतरेगा।

महावीर ने कहा कि नए अध्यादेशों से देश का किसान व आढ़ती हो बर्बाद जाएगा। जब तक किसान की फसल मंडी में खुले भाव में नहीं बिकेगी, तबतक किसान को अपनी फसल के पूरे दाम नहीं मिल सकते, जबकि नए अध्यादेश में बड़ी-बड़ी कंपनियां अंबानी व अडानी जैसे लोग किसान की फसल एडवांस में ही खेतों में खरीद करेंगे। उन्होंने बताया कि नए फरमान में मंडी के बाहर फसल खरीदने पर किसी प्रकार की मार्केट फीस नहीं होगी और मंडी में फसल बिकने पर मार्केट फीस लगेगी।

उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी कंपनियां गांव में ही औने-पौने दामों में सब्जी, फल व अनाज खरीद करके भारी मुनाफा खाकर मार्केट में बेचेंगे। इससे किसानों को बड़ा भारी नुकसान होगा और मंडिया बंद हो जाएगी। अगर बड़ी बड़ी कंपनी सब्जी, फल व अनाज बेचेंगे तो जो लाखों लोग सब्जी, फल व अनाज का व्यापार कर रहे हैं, वह कहां जाएंगे? इससे देश में लाखों परिवार व किसान बेघर हो जाएंगे। 

महावीर ने कहा कि केंद्र सरकार को देश के किसान, आढ़ती, मिलर व मजदूरों के हित में तीनों नए अध्यादेश वापस लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि कपास, सरसों, मूंग, चना, सूरजमुखी आदि अनाज केंद्र की सरकारी एजेंसियां सीधे किसान से खरीद करती है जो सरासर गलत है, जबकि हर अनाज की खरीद मंडी के आढ़तियों के माध्यम से होनी चाहिए। अगर अनाज की खरीद मंडी में आढ़तियों के माध्यम से नहीं होगी तो मंडी में आढ़ती दुकान करके क्या करेगा?

महावीर कंप्यूटर ने कहा कि 20 अप्रैल 2020 से जो सरकार ने गेहूं खरीद की थी। उसका करोड़ों रुपए कमीशन आढ़तियों का अब तक बकाया पड़ा है। सरकार को तुरंत प्रभाव से गेहूं खरीद का कमीशन देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार व्यापारी व किसान का आपसी भाईचारा खराब करने की नाकाम कोशिश कर रही है, जबकि व्यापारी व किसान का सदियों से मजबूत भाईचारा है और सदा रहेगा।

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