Edited By Deepak Paul, Updated: 04 Jan, 2019 04:09 PM
दिल्ली से सटे फरीदबाद में एक युवती का अपहरण कर 4 साल तक बंधक बना कर दुष्कर्म करने, उसके साथ मारपीट करने और लगभग डेढ़ महीने तक भूखा रखने का दिल दहला देने का मामला सामने आया है। पीड़िता के शरीर पर चोट के इतने गहरे निशान हैं कि उन्हें देखकर आपकी रूह...
फरीदाबाद(अनिल राठी): दिल्ली से सटे फरीदबाद में एक युवती का अपहरण कर 4 साल तक बंधक बना कर दुष्कर्म करने, उसके साथ मारपीट करने और लगभग डेढ़ महीने तक भूखा रखने का दिल दहला देने का मामला सामने आया है। पीड़िता के शरीर पर चोट के इतने गहरे निशान हैं कि उन्हें देखकर आपकी रूह कांप जाएगी। आरोपियों के अत्यारों से तंग पीड़िता मौके देखकर उनके चंगुल से भाग निकली और रास्ते में सड़क किनारे बेहोश होकर गिर गई। जिसे इनजीओ की सहायता से अस्पताल पहुंचाया गया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
तस्वीरों में कैद इस युवती की आंखों से झर-झर कर बह रहे आंसू, कंपकंपाती आवाज और शरीर पर पड़े जख्मों के गहरे निशान अपनी बदहाली और प्रताड़ना की कहानी बयां करने के लिए काफी हैं कि कैसे 4 साल तक इसने नरक रूपी जिंदगी को जिया है, पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि करीब चार साल पहले उसे फरीदाबाद का रहने वाला प्रदीप नाम का शख्स बहला- फुसलाकर बरेली ले गया। जहां आरोपी ने शादी का झांसा देकर कई सालों तक उसके साथ रेप किया। इस दौरान जब युवती गर्भवती हुई तो जबरदस्ती उसका गर्भपात करवा दिया गया।
पीड़िता के साथ मारपीट करने के बाद आरोपी करीब 8 माह पहले उसे अपने भाई और मां के पास छोड़ गया लेकिन कुछ दिनों बाद पीड़िता के साथ मारपीट, प्रताड़ना की दास्तां फिर शुरू हो गई, जिसमें आरोपी का छोटा भाई भी उसके साथ जबरदस्ती रेप करने लगा। पीड़िता का कहना है कि इस घिनौने काम में उसकी मां उसका पूरा साथ देती थी। वहीं आरोपी न तो उसे खाना देते और ना ही कहीं बाहर जाने दिया जाता था बल्कि जब घर के लोग बाहर जाते थे तो उसे कमरे में बंद करके जाते थे। इतना ही नहीं पीड़िता को खाना नहीं दिया जाता था कई दिनों तक उसने पानी पीकर वक्त गुजारा।
पीड़ित परिजन
वहीं 4 साल से गायब अपनी बेटी के मिलने के बाद जब उसकी मां से बात की गई तो मां के मुंह से शब्द बाहर नहीं निकल रहे थे। केवल लड़खड़ती आवाज में वे आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही थी।
NGO अधिकारी प्रतिमा चौधरी
पीड़िता को अस्पताल पहुंचाने वाले एनजीओ संस्कार फाउंडेशन की प्रमिता चौधरी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि युवती सड़क के किनारे बेहोश पड़ी है, जिसके बाद युवती को सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। य़ुवती के पास से आधार कार्ड बरामद किया गया है, जिसके जरिए उसके मां- बाप को सूचित किया गया।
वहीं इस पूरे मामले पर जब पुलिस विभाग से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पीड़ित युवती के बयानों के आधार पर शिकायत दर्ज कर ली गई है और इस मामले की जांच जारी है।