Edited By Shivam, Updated: 17 Apr, 2021 07:12 PM
कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले काफी समय से दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। वहीं कैथल के अदानी एग्रो के आसपास के कैथल जिले की 2 मंडियां व 2 परचेज सैंटर ढांड, पूंडरी, कौल व रसीना को सरकार ने बंद कर दिया है। इन मंडियों में कोई भी बारदाना नहीं...
ढांड (दीपक): कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले काफी समय से दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। वहीं कैथल के अदानी एग्रो के आसपास के कैथल जिले की 2 मंडियां व 2 परचेज सैंटर ढांड, पूंडरी, कौल व रसीना को सरकार ने बंद कर दिया है। इन मंडियों में कोई भी बारदाना नहीं दिया गया। पूंडरी और रसीना में किसानों व आढ़तियों के भारी विरोध के चलते बारदाना उपलब्ध करवाना पड़ा। लेकिन ढांड मंडी व कौल परचेज सैंटर में विरोध करने के बाद भी वारदाना नहीं दिया जा रहा, जिस कारण ढांड व कौल मंडी गेहूं का सीजन पूरे यौवन पर होने के बाद भी सुनसान पड़ी है।
किसानों का कहना है कि सरकार ने आसपास के सभी किसानों को यह कह दिया है कि आप अपना अनाज सीधा अदानी एग्रो में लेकर जाएं परंतु किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या मुंह बाए खड़ी है। किसान दो-दो दिन से लंबी-लंबी लाइनों में खड़े हैं और जब उनकी बारी आती है तो नमी के नाम पर उनके अनाज को रिजेक्ट कर दिया जाता है। इससे किसानों को लोडिंग का खर्चा दोगुना उठाना पड़ता है और मायूस होकर किसान घर लौट जाता है।
किसानों ने बताया कि रात को एकदम से गेट पास कटने बंद होने के कारण सरकार के खिलाफ अदानी एग्रो के सामने खड़े होकर जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया व कुछ समय के लिए कैथल कुरूक्षेत्र मार्ग को जाम भी लगा दिया था। थाना प्रभारी व नायब तहसीलदार गौरव शर्मा ने किसानों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया। कई घंटों के बाद दोबारा से मार्केट कमेटी द्वारा गेट पास कटने शुरू हुए। तब जाकर किसानों ने राहत की सांस ली।
किसानों का कहना है कि इससे तो पहले वाला सिस्टम ही ठीक था जब वह अपना अनाज सीधा आढ़ती के पास लेकर जाता था उसका अनाज 1 घंटे के अंदर अंदर बिक जाता था और कोई परेशानी भी नहीं होती थी। इससे सरकार की नीयत में खोट दिखाई दे रहा है। सरकार सीधा-सीधा अदानी ग्रुप को फायदा पहुंचाना चाहती है।
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