जल प्रदूषण रोकने की तैयारी में जुटा स्थानीय निकाय विभाग

Edited By Deepak Paul, Updated: 28 Jun, 2018 12:04 PM

local bodies department preparing to stop water pollution

प्रदेश के शहरी इलाकों में पेयजलापूर्ति के दौरान बहने वाले पानी तथा गंदे पानी की निकासी के साथ जल प्रदूषण रोकने के पुख्ता प्रबंध करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नगर निगम में मुख्य अभियंता, नगर परिषद में कार्यकारी अधिकारी...

चंडीगढ़(बंसल): प्रदेश के शहरी इलाकों में पेयजलापूर्ति के दौरान बहने वाले पानी तथा गंदे पानी की निकासी के साथ जल प्रदूषण रोकने के पुख्ता प्रबंध करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नगर निगम में मुख्य अभियंता, नगर परिषद में कार्यकारी अधिकारी तथा नगर पालिका में सचिव को विभागाध्यक्ष के तौर जिम्मेदारी तय करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। अब सभी पालिकाओं में निर्देशित अधिकारी जल कानून 1974 के सैक्शन 48 के तहत व्यवस्था को दुरुस्त करेंगे।

शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने कहा कि प्रदेश में आमजन को पेयजलापूर्ति और गंदे पानी की निकासी के प्रबंध पुख्ता करते हुए जल प्रदूषण को रोकने के लिए अब कड़े कदम उठाए जाएंगे। प्रदेश में जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग तथा एच.एस.आई.आई.डी.सी. में जल प्रदूषण रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर अधिकारी विभागाध्यक्ष के तौर पर नियुक्त हैं। जबकि जल कानून 1974 के तहत शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक ही विभागाध्यक्ष के तौर पर तय मापदंडों की अनुपालना सुनिश्चित करवाने के लिए अधिकृत थे।

पूरे प्रदेश की पालिकाओं में विभिन्न योजनाओं विशेषकर फ्लैगशिप योजनाओं को क्रियांवित कराने, उनकी निगरानी तथा भविष्य की योजनाओं का खाका तैयार करने की दृष्टि से काम की अधिकता रहती थी। जल प्रदूषण को रोकने के लिए अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नगर निगम में मुख्य अभियंता अथवा उनकी गैर-मौजूदगी में वरिष्ठ अभियंता, नगर परिषद में कार्यकारी अधिकारी तथा नगर पालिका में सचिव को विभागाध्यक्ष के तौर जिम्मेदारी तय करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। मंत्री कविता जैन ने बताया कि अब पालिका स्तर पर जल प्रदूषण कानून को सख्ती से लागू कराने में तेजी आएगी और जल दोहन पर भी शिकंजा कसा जाएगा। 

उन्होंने कहा कि निर्देशित अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह जल संरक्षण एवं जल प्रदूषण कानून के तहत मापदंडों पर काम करते हुए पेयजलापूर्ति के दौरान पानी की व्यर्थ बर्बादी रोकना तथा गंदे पानी की निकासी के प्रबंध दुरुस्त करने के लिए जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाएं। यही नहीं बरसाती पानी के संचयन पर भी जोर देंगे। उन्होंने आमजन से भी आह्वान किया कि वह प्रशासन के साथ मिलकर जल प्रबंधन में अपना योगदान दें तथा जल के सदुपयोग को दैनिक आदत में शामिल करें, ताकि जल के दोहन को रोका जा सके। 
 

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