Edited By Shivam, Updated: 23 Jan, 2020 02:38 AM
हरियाणा में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए लाबिंग शुरू हो गई है। प्रदेश में राज्यसभा की दो सीटों के लिए नियमित और एक सीट के लिए उपचुनाव होंगे, लेकिन इन्हें एक साथ नहीं कराया जाएगा। विधायकों की संख्या के आधार पर राज्यसभा की एक...
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए लाबिंग शुरू हो गई है। प्रदेश में राज्यसभा की दो सीटों के लिए नियमित और एक सीट के लिए उपचुनाव होंगे, लेकिन इन्हें एक साथ नहीं कराया जाएगा। विधायकों की संख्या के आधार पर राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में भाजपा-जजपा गठबंधन के उम्मीदवार की जीत तय है। दो सीटों के लिए चुनाव में एक सीट गठबंधन और एक सीट कांग्रेस के हिस्से में जाने की संभावना है। दो राज्यसभा सीटों के नियमित चुनाव के दौरान एक सीट भाजपा-जजपा गठबंधन के खाते में तो दूसरी सीट कांग्रेस को मिल सकती है।
हरियाणा की पांच सीटों में फिलहाल कांग्रेस की कुमारी सैलजा के अलावा भाजपा के डीपी वत्स एवं निर्दलीय डा. सुभाष चंद्रा राज्यसभा में हैैं। प्रदेश में दो राज्यसभा सीटों के लिए उपचुनाव वर्ष 2014 में हुआ था। उस समय बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस से त्यागपत्र देकर भाजपा ज्वाइन कर ली थी। इनेलो नेता रणबीर सिंह गंगवा ने भाजपा के टिकट से विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद राज्यसभा की सीट छोड़ दी थी। इन दोनों रिक्त सीटों के लिए कार्यकाल चूंकि एक साल से ज्यादा बचा हुआ था,इसलिए इन पर उपचुनाव कराया गया था।
इसमें बीरेंद्र सिंह और तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु भाजपा टिकट पर निर्वाचित हुए थे। अब बीरेंद्र सिंह का राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र स्वीकार हो चुका है। उनका कार्यकाल अगस्त 2022 तक था। लिहाजा इस रिक्त सीट पर उपचुनाव होगा। फरवरी 2014 में इनेलो के टिकट पर राज्यसभा पहुंचे रामकुमार कश्यप ने पिछले दिनों राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वह इंद्री से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। उनका कार्यकाल लगभग पूरा होने वाला था, जिस कारण कश्यप की खाली राज्यसभा की सीट पर नियमित चुनाव होगा।
फरवरी 2014 में ही कांग्रेस की कुमारी सैलजा राज्यसभा सदस्य बनी थीं। उनका कार्यकाल 9 अप्रैल 2020 तक है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 151-ए के तहत अगर खाली हुई सीट के लिए निवर्तमान राज्यसभा सदस्य का शेष कार्यकाल एक वर्ष से कम हो तो ऐसी परिस्थिति में उस सीट के लिए चुनाव आयोग द्वारा कोई उपचुनाव नहीं करवाया जाता। इसी कारण रामकुमार कश्यप की खाली सीट पर उपचुनाव नहीं कराया गया। रामकुमार कश्यप की खाली और कुमारी सैलजा की खाली होने वाली सीट पर फरवरी-मार्च में बाकी राज्यसभा सीटों के साथ चुनाव कराया जाएगा।