कोरोना इलाज के नाम पर लूट, समाजसेवी ने डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए सीएम को लिखा पत्र

Edited By vinod kumar, Updated: 12 Jun, 2021 10:57 PM

letter written to cm regarding action on doctor who robbed in name of corona

हाल ही में 30 अप्रैल को सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्ती की खुशी मनाने के ठीक 13 दिन बाद कोरोना संक्रमण से मौत का दुख झेलने वाले एक गेस्ट टीचर के भाई ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उसके भाई की मौत का कारण न बताने व कोरोना के इलाज़ के नाम पर...

ऐलनाबाद (सुरेंद्र सरदाना): हाल ही में 30 अप्रैल को सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्ती की खुशी मनाने के ठीक 13 दिन बाद कोरोना संक्रमण से मौत का दुख झेलने वाले एक गेस्ट टीचर के भाई ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उसके भाई की मौत का कारण न बताने व कोरोना के इलाज़ के नाम पर भारी भरकम बिल वसूल करने वाले व कोविड सेंटर सिरसा के चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एक पत्र लिखा है। 

ऐलनाबाद के वार्ड नम्बर 13 में रहने वाले समाजसेवी करनैल सिंह कालड़ा पुत्र जगतार सिंह कालरा ने अपने उक्त शिकायत पत्र में लिखा है कि उसका छोटा भाई जरनैल सिंह कालड़ा जो कि खंड के गांव तलवाड़ा खुर्द के सरकारी स्कूल में गेस्ट टीचर था और हाल ही में 30 अप्रैल को वह अपनी सेवाओं से सेवानिवृत्त हुआ था और ऐसी सेवानिवृत्ती पर विदाई पार्टी का भी आयोजन किया गया था। उसी दिन ही उसके भाई जरनैल सिंह ने कोविशिल्ड  वैक्सीन लगवाई थी।

तीन-चार दिन बाद उसे हल्का सा बुखार हुआ और कोरोना जांच करवाई तो यह जांच पॉजिटिव आई। न केवल उसकी बल्कि उसकी पत्नी व एक पुत्र की जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। वह अपने, अपनी पत्नी व अपने पुत्र के इलाज के लिए सिरसा के डॉक्टर शेरगिल के पास गया और डॉक्टर शेरगिल ने सभी तीनों को दवा देते हुए यह कहा कि तुम सभी तीनों ठीक ही हो और कुछ दिन दवा लेने पर पूर्ण रूप से स्वास्थ्य हो जाओगे । 

एतिहातन तौर पर पर उन्होंने अन्य डॉक्टर की ओपिनियन लेना जरूरी समझा तो वह सिरसा में कोविड सेंटर खोले बैठे एक चिकित्सक के पास पहुंचे तो उस डॉक्टर ने मेरे भाई का ऑक्सीजन लेवल कम बताया और अस्पताल में दाखिल होने के लिए कहा और मेरे भाई को दाखिल कर लिया गया। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा है कि 12 मई को दिन में उसका भाई पूर्ण रूप से ठीक था और वह अपने भाई की बीमारी को ले कर आरोपी डॉक्टर से वह तीन बार मिला। 

डॉक्टर ने उन्हें आश्वाशन दिया कि उसका भाई बीमारी से कम बीमार व बीमारी के नाम से अधिक बीमार है इस लिए डरने की कोई जरूरत नही है । इस प्रकार डॉक्टर के आश्वाशन पर वह अपने घर लौट आया । 13 मई को उनके अन्य रिश्तेदार भी उसके भाई से मिले व रात्रि के 9:30पर उसके छोटे भाई ने उसे खिचड़ी दलिया भी खिलाया तब उसका ऑक्सीजन लेवल 90 ओर 92 के बीच था। अस्पताल में अटेंडेंट की रात्रि को रुकने की सही व्यवस्था न होने के कारण सभी रात को घर पर आ गए कि रात को लगभग 2 बजे उसके भाई के साले को जरनैल सिंह की मौत होने की अस्पताल स्टाफ द्वारा सूचना की गई। 

करनैल सिंह ने आरोप लगाया है कि उसका भाई डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही से मौत का शिकार हुए है। जब रात्रि के 9:30 पर उसका भाई बिल्कुल ठीक था और बाते कर रहा था तो रात को 2 बजे अस्पताल स्टाफ द्वारा जरनैल सिंह की हालत सीरियस होने की सूचना न दे कर सीधे मौत की सूचना देना अनेको सवाल पैदा करता है की आखिर 10 बजे व 2 बजे के बीच क्यों नहीं परिवार को फोन किया गया? क्यों नही 4 घण्टे के बीच के समय में उन्हें दिए गए उपचार की जानकारी दी गई? इस प्रकार के अनेकों सवालों के जवाब की तलाश के लिए उक्त जांच करवाई जाए और उन्हें न्याय दिलवाया जाए । 

अपनी शिकायत में करनैल सिंह कालड़ा ने यह भी लिखा है कि आरोपी डॉक्टर ने अनाप शनाप रुपयों का भारी भरकम बिल बना कर उनका आर्थिक शोषण भी किया है। इस लिए इस कि पूर्ण जांच की जाए। ताकि ओर कोई जरनैल सिंह इस तरह की मौत का शिकार न हो सके व किसी भी अन्य गरीब परिवार का आर्थिक रूप से शोषण न हो सके।

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