Edited By Shivam, Updated: 09 Apr, 2021 07:38 PM
सिरसा नगर परिषद के चेयरमैन के चुनाव में भाजपा की हार के बाद यह एक अजीब संयोग जुड़ गया है कि सत्ता सुख पा रहे नेता पार्टी को विजयश्री दिला पाने में सफल नहीं हो पा रहे। पार्टी ने डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा को इस चुनाव के लिए प्रभारी नियुक्त किया था।...
डेस्क: सिरसा नगर परिषद के चेयरमैन के चुनाव में भाजपा की हार के बाद यह एक अजीब संयोग जुड़ गया है कि सत्ता सुख पा रहे नेता पार्टी को विजयश्री दिला पाने में सफल नहीं हो पा रहे। पार्टी ने डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा को इस चुनाव के लिए प्रभारी नियुक्त किया था। रणबीर गंगवा रणनीति में चूक गए और पार्टी के प्रत्याशी की हार से संगठन की किरकिरी हो गई हालांकि चेयरमैन का कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का ही शेष है।
इसी तरह तीन नगर निगमों के मेयर के चुनाव में पार्टी सिर्फ पंचकूला में ही जीत पाई थी जिस के प्रभारी पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु थे। अभिमन्यु के पास न संगठन का कोई दायित्व है और नही सत्ता में कोई भागीदारी। अंबाला नगर निगम चुनाव के प्रभारी हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला थे और सोनीपत के प्रभारी शिक्षा मंत्री कंवर पाल थे। इस तरह यह संयोग बना की सत्ता सुख भोग रहे नेता पार्टी की नैया मझधार से नहीं निकाल पा रहे।
बरोदा उपचुनाव के प्रभारी भी कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल थे। हांलाकि कांग्रेस ने अपनी परंपरागत यह सीट कायम रखी परंतु हुड्डा के गढ़ को न भेद पाने का भाजपा नेताओं को मलाल रह गया। संगठन के स्थान पर सत्ता से जुड़े लोगों को सेनापति बनाने का प्रयोग अब सफल नहीं हुआ है ऐसे में पार्टी भविष्य के उपचुनाव में पुन:संगठन के नेताओं की ओर रुख कर सकती है। सरकार की बजाए संगठन ही शायद संकटमोचक बन जाए। भविष्य के रुख को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ और उनकी नई टीम की नई रणनीति पर ही संगठन में चर्चा हो रही है।
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