Edited By Shivam, Updated: 08 Sep, 2018 10:16 PM
हरियाणा सरकार ने पढ़ी-लिखी पंचायत के माध्यम से जीरो टोलरेंस की नीति को लागू करने की कोशिश की थी लेकिन पढ़े लिखे सरपंच ही अब सरकार की नीतियों को पलीता लगाने में जुट गए हैं। मामला फरीदाबाद के गांव प्रहलादपुर माजरा का है जहां पढ़ी-लिखी महिला सरपंच...
फरीदाबाद(अनिल राठी): हरियाणा सरकार ने पढ़ी-लिखी पंचायत के माध्यम से जीरो टोलरेंस की नीति को लागू करने की कोशिश की थी लेकिन पढ़े लिखे सरपंच ही अब सरकार की नीतियों को पलीता लगाने में जुट गए हैं। मामला फरीदाबाद के गांव प्रहलादपुर माजरा का है जहां पढ़ी-लिखी महिला सरपंच सुशीला भाटी ने करोड़ों का घालमेल कर सरकार और पंचायत को चूना लगाया है। ग्रामीण जागरूकता के बदौलत इस करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश हुआ।
फरीदाबाद के प्रहलादपुर माजरा गांव की महिला सरपंच सुशीला भाटी पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है सुशीला भाटी पर गांव के ही लोगों ने विकास कार्यों की आड़ में करोड़ों के घोटाले का इल्जाम लगाया है, जिसके लिए उन्होंने पुख्ता सबूत भी आरटीआई के माध्यम से निकलवा लिए हैं, इसकी जांच अब डीसी के दरबार में पहुंची जिसके बाद डीसी ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए संबंधित बीडीपीओ को आदेश दिए कि इस मामले की जल्द जांच की जाए।
महिला सरपंच के करोड़ों के घोटाले की खबर लगते ही प्रशासन के पैरों तले जमीन खिसक गई। अब डीसी फरीदाबाद के बीडीपीओ को दिए गए आदेश पर फिलहाल इस घोटाले की जांच एसडीएम राजेश कुमार को सौंप दी गई है। जिसके चलते एसडीएम ने शिकायकर्ता ग्रामीणों के साथ-साथ महिला सरपंच सुशीला भाटी को अपने कार्यालय में तलब किया, तो महिला सरपंच ने घोटाले को छिपाने के लिए कहा कि उनके विकास कार्यों का सारा रिकॉर्ड चोरी हो चुका है। जबकि घोटाले से संबंधित सभी दस्तावेज ग्रामीणों ने एसडीएम साहब के सामने पेश कर दिए जो उन्होंने आरटीआई के माध्यम से निकलवा लिए थे।
एसडीएम बल्लबगढ़ राजेश कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला सरपंच को 45 दिनों के अंदर पूरा रिकॉर्ड लेकर हाजिर होने का समय दिया है और साथ ही कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। एसडीएम ने माना कि बिना किसी संबंधित सरकारी अधिकारी के संज्ञान में लाए कोई भी पंचायत किसी भी तरह का बिल पास नहीं कर सकती। लेकिन महिला सरपंच ने बिना अधिकारियों से बात किए ही करोड़ों के बिल पास कर उनका भुगतान भी कर दिए हैं। फिलहाल एसडीएम ने जांच में पारदर्शिता की बात कही है।