कुलदीप बिश्नोई हो सकते हैं प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 09 Jun, 2018 10:36 AM

kuldeep bishnoi may be the new president of the state congress

प्रदेश कांग्रेस में जल्द ही बहुत बड़ा बदलाव हो सकता है। अभी तक कांग्रेस में आने के बाद चुप्पी साधे बैठे कुलदीप बिश्नोई को पार्टी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पार्टी हाईकमान उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना सकता....

अम्बाला(वत्स): प्रदेश कांग्रेस में जल्द ही बहुत बड़ा बदलाव हो सकता है। अभी तक कांग्रेस में आने के बाद चुप्पी साधे बैठे कुलदीप बिश्नोई को पार्टी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पार्टी हाईकमान उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना सकता है। साथ ही हुड्डा को भी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। 

हुड्डा ने कुलदीप के कांग्रेस में आने के बाद इस बात का श्रेय खुद पर लेने का काम किया था। पार्टी सूत्रों के अनुसार कुलदीप के कांग्रेस में शामिल होने के पीछे हुड्डा का कोई खास रोल नहीं था। कुलदीप राहुल से बातचीत होने के बाद ही कांग्रेस में शामिल हुए थे। ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी जाट और गैर-जाट दोनों में संतुलन बनाए रखते हुए हुड्डा और कुलदीप दोनों को बराबर रखना चाहती है। साथ ही रणदीप सुर्जेवाला और कुमारी शैलजा को भी बराबर सम्मान दिया जा रहा है ताकि पार्टी को मजबूती प्रदान की सके। 

सबसे बड़ी बात यह है कि अशोक तंवर का प्रदेशाध्यक्ष के रूप में कार्यकाल तो बढ़ा दिया गया है, लेकिन प्रदेश कार्यकारिणी में अभी तक कोई बदलाव नहीं किया गया है। अभी तक तंवर न तो जिला और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति कर पाए हैं और न ही पार्टी के डैलीगेट्स नियुक्त कर पाए हैं। वह अभी तक सिर्फ साइकिल यात्रा तक सीमित रहे हैं।
कुलदीप बिश्नोई वह वाकया अभी तक नहीं भुला पाए हैं जब कांग्रेस ने वर्ष 2004 के विधानसभा चुनावों में चौ. भजनलाल के नेतृत्व में चुनाव लड़ते हुए प्रदेश में कांग्रेस का परचम लहराया था। इसके बावजूद पार्टी हाईकमान ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सी.एम. बना दिया था। 

हुड्डा को चुनावों में टिकट तक नहीं दी गई थी। हुड्डा ने सी.एम. बनने के बाद विधानसभा चुनाव लड़ा था। कुलदीप बिश्नोई ने पिता के साथ हुए इस तरह के व्यवहार को देखते हुए कांग्रेस से बगावत कर दी थी। हालांकि कांग्रेस ने कुलदीप के बड़े भाई चंद्रमोहन बिश्नोई को डिप्टी सी.एम. बनाकर राजनीतिक संतुलन बनाने का प्रयास किया था। 2009 के विधानसभा चुनावों में कुलदीप ने कांग्रेस से बगावत करते हुए हरियाणा जनहित कांग्रेस का गठन कर लिया था। इस पार्टी के कुलदीप सहित 6 विधायक बने थे। हुड्डा ने 5 विधायकों को तोड़कर कांग्रेस में शामिल करा दिया था। कुलदीप ने इन विधायकों के खिलाफ केस भी दायर किया था, लेकिन हुड्डा की सरकार पूरे 5 साल तक फर्राटेदार तरीके से चली थी।

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