पड़ोसी देशों के लड़ाकू विमान राफेल के आगे कुछ भी नहीं, जानिए राफेल से जुड़ी दिलचस्प बातें

Edited By Shivam, Updated: 29 Jul, 2020 08:03 PM

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आज भारतीय वायुसेना के सबसे घातक 5 राफेल लड़ाकू विमान यू.ए.ई. से उडान भर अम्बाला आए। जिन्हें लैंड करवाने का दायित्व 17वीं गोल्डन एरो स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर शौर्य चक्र विजेता गु्रप कैप्टन हरकीरत सिंह पर था। इस मौके पर भारतीय वायुसेना के प्रमुख...

चंडीगढ़(धरणी): आज भारतीय वायुसेना के सबसे घातक 5 राफेल लड़ाकू विमान यू.ए.ई. से उड़ान भर अम्बाला आए। जिन्हें लैंड करवाने का दायित्व 17वीं गोल्डन एरो स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर शौर्य चक्र विजेता ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह पर था। इस मौके पर भारतीय वायुसेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया व अन्य बड़े अधिकारियों की उपस्थिति रही। राफेल लाने वाले सभी पायलट के परिवार भी यहां आमंत्रित थे। लैंडिंग के बाद वाटर सैल्यूटिंग से राफेल का अभिनन्दन हुआ।

जानें जांबाज कैप्टन हरकीरत सिंह के बारे में 
कैप्टन हरकीरत सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। विपरीत परिस्थितियों में इंजन खराब होने पर 23 सितम्बर 2008 को मिग-21 को राजस्थान में सुरक्षित लैंडिग जैसे जोखिम पूर्ण कार्य कैप्टन हरकीरत कर चुके हैं। हरकीरत चाहते तो तब कूदकर अपनी जान बचा सकते थे मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। इनके पिता निर्मल सिंह ले. कर्नल रहे हैं। इनकी पत्नी अम्बाला एयर फोर्स स्टेशन पर ही विंग कमाण्डर हैं व ग्राउंड ड्यूटी पर हैं। 

टॉप घातक लड़ाकू विमानों में शुमार है राफेल


राफेल को लेकर भारत और फ्रांस में 2016 में समझौता हुआ है। वायुसेना को 36 राफेल मिलने हैं, जिनमें 30 विमान वन सीटर व 6 डबल सीटर हैं। राफेल की ताकत का अन्दाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसकी गति 1 घण्टे में 1912 किलोमीटर और 3 फ्यूल टैंक के साथ 3700 किमी की रेंज है। राफेल का अधिकतम वजन 24 हजार 500 किलोग्राम है। ईंधन क्षमता 4700 किलोग्राम है। इसमें 30 एमएम की तोप के 2500 राउंड गोले दागे जा सकते हैं। 300 किलोमीटर की रेंज में हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है। इसकी यही क्षमता इसे विश्व के सभी टॉप घातक लड़ाकू विमानों की फेहरिस्त में रखता है।

पड़ोसी देशों के लड़ाकू विमान राफेल के आगे कुछ भी नहीं
भारतीय वायुसेना का यह घातक हथियार दुश्मन की हर गतिविधि पर सैंसर से नजर रखेगा। इसके मुकाबले में देश पाकिस्तान के जेई-17 लड़ाकू विमान कहीं भी नहीं टिकता। जेई-17 पाकिस्तान को अमेरिका से खैरात में मिले हुए हैं। वहीं दूसरा पड़ोसी चीन जे-20 बना रहा है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार जे-20 कुछ हद तक राफेल के मुकाबले का लड़ाकू विमान है जिसकी रेंज 3400 किलोमीटर है जबकि राफेल की 3700 किलोमीटर है।

भारत के पास अभी तक मिग-21 लड़ाकू विमान है। भारत निर्मित तेजस पहला लाईट एयर काम्वैट भी भारतीय सेना का हिस्सा है। इसके अलावा सुखोई भी भारतीय वायुसेना की शान है। अम्बाला के इस रनवे पर जगुआर व सुखोई भी उतर चुके हैं। राफेल लाने वाले एयर कमाण्डेंट हिलल अहमद राठौर जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले से हैं। राफेल में बैठने वाला पहला व्यक्ति जम्मू-कश्मीर से होना गर्व की बात है। एयर कमाडेंट राठौर को 2010 में वायुसेना मैडल से नवाजा गया था।

भारतीय वायुसेना का बढ़ता रूतबा


फ्रांस निर्मित राफेल 5000 किलोमीटर की यात्रा बिना रूके कर सकते हैं। 10 घंटे लगातार उड़ान भरने की क्षमता इसे और ताकतवर बनाती है। यह धरती से 55000 किलोमीटर की उंचाई पर उडऩे की क्षमता विस्मरणीय है। रक्षा विशेषज्ञ राफेल आने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत दोगुनी होने की बात कह रहे हैं। अब विश्व में भी भारतीय वायुसेना का रूतबा बढ़ता दिखाई दे रहा है।

राफेल में 3 तरह की घातक मिसाईलें होती हैं। यह दुश्मन की रडार को भी जाम कर सकता है। एस-400 मिसाईल सिस्टम भारत को रूस से अगले वर्ष तक मिलेगी। एस-400 एन्टी एयर क्राफ्ट मिसाइल है। चीन ने भी रूस से 2014 में इसका सौदा किया था। 2018 में पहली खेप भी उन्हें मिली, मगर रूस ने जासूसी करने के आरोपों के चलते इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया। राफेल जैसा दमदार लड़ाकू विमान और कोई नहीं है। अब से एलएसी और एलओसी पर राफेल का पहरा रहेगा।

15 अगस्त के बाद हो सकता है बड़ा कार्यक्रम


राफेल विमानों के अम्बाला एयरबेस पर लैंडिग के बाद विधिवत रूप से राफेल एयरफोर्स को सौंपने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम 15 अगस्त के बाद अम्बाला में आयोजित हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री या गृहमंत्री में से कोई भी बड़ी हस्ती उपस्थित हो सकती है। इस बात की पुष्टि हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने भी अनौपचारिक बातचीत में की है।

सैन्य बल ने भी की गश्त
PunjabKesari, Haryana

अम्बाला में 5 राफेल के लैंडिंग के मौके पर पुलिस व सैन्यबल की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। मीडिया को सुबह से दोपहर 12 बजे तक जी.टी. रोड पर जग्गी पैट्रोल पम्प के पास रोक दिया गया था। अम्बाला से यमुनानगर, जगाधरी, सहारनपुर जाने वाले मुख्य मार्ग को पूरी तरह से सील किया हुआ था। किसी भी व्यक्ति को वहां प्रवेश की अनुमति नहीं थी। सेना की रेंज टुकडिय़ां वहां लगातार गश्त कर रही थी। आसमान पर हैलीकाप्टर के माध्यम से वायुसेना के हैलीकाप्टर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे थे। राफेल आने से पहले अम्बाला जिले के पुलिस अधिकारी ने भारी पुलिसबल सहित सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

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