Edited By Isha, Updated: 13 Jul, 2019 03:56 PM
गांव-गांव शादी समारोह और अन्य खुशी के मौकों पर घर-घर बधाई मांगकर रुपए और उपहार जुटाने वाली एक किन्नर ने अपनी इस कमाई का समूचा खर्च एक नेक कार्य में लगाया। किन्नर लाली ने गांव की जिस बेटी को 16 साल पहले अपनी धर्म बेटी मानकर दुलार दिया उसी बेटी...
झज्जर(प्रवीण धनखड़): गांव-गांव शादी समारोह और अन्य खुशी के मौकों पर घर-घर बधाई मांगकर रुपए और उपहार जुटाने वाली एक किन्नर ने अपनी इस कमाई का समूचा खर्च एक नेक कार्य में लगाया। किन्नर लाली ने गांव की जिस बेटी को 16 साल पहले अपनी धर्म बेटी मानकर दुलार दिया उसी बेटी भिंडावास की रेनू की शादी में रुपए, गहने और फर्नीचर देकर न सिर्फ सहायता कि बल्कि गांव से अपनी इस धर्म बेटी को विदा किया। भिंडावास में हुई इस शादी की अब क्षेत्र में जगह-जगह चर्चा है। सभी इस किन्नर की सराहना कर रहे हैं। भिंडावास में हुई इस शादी के बाद बेरी की किन्नर लाली एरिया में नेक कार्य के बाद चर्चा का विषय बन गई हैं।
बेरी की किन्नर लाली ने एक गरीब परिवार की बेटी रेनू के विवाह में दिल खोलकर उपहार देकर विवाह में सहयोग किया हैं। अपनी बेटी की तरह विदा किया। किन्नर लाली का कहना है कि जिस तरह लोग हमें विवाह व बेटे के जन्म पर लोग खुशी खुशी बधाई देते हैं, हमारा भी मन करता है कि किसी भी जरूरतमंद की शादी अपनी बेटी की तरह करें। इससे पहले भी किन्नर लाली मां बेरी वाली का जागरण भंडारा और गोदान कर चुकी हैं। लाली का कहना था कि बेरी व आसपास में जिस भी धार्मिक स्थान पर भंडारा होता हैैै तो वह सहयोग देती हैैै।
लाली का कहना था कि उन्होंने रेनू को 16 साल पहले ही धर्म की बेटी मान लिया था। जब वह गंाव में बधाई मांगने गई थी उस दौरान रेनू ने उसे मां बोल दिया था। उसी दिन धर्म की बेटी बना लिया था। अब रेनू के विवाह में दान में 5100 रुपए, 5 गहने, फर्नीचर और कपड़े दिए हैं। लाली किन्नर का कहना था जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए सभी लोग आगे आएं तो किसी प्रकार की समस्या नहीं रहेगी। इस पर अवसर पर जीतो, गरिमा, काली, केरी, संदीप, सरोज, सोनिया मौजूद थे।