किसानों के प्रति खट्टर सरकार का रवैया उदासीन: सुरजेवाला

Edited By Deepak Paul, Updated: 30 Sep, 2018 10:56 AM

khattar government s attitude towards farmers is indifferent surjevala

वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पार्टी की केंद्रीय कोर कमेटी के सदस्य रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने फसलों की स्पैशल गिरदावरी में देरी के लिए विरोध जताते हुए खट्टर सरकार से प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत स्पैशल गिरदावरी की शुरुआत करने की मांग की। कैथल में बातचीत...

कैथल(महीपाल /गौरव): वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पार्टी की केंद्रीय कोर कमेटी के सदस्य रणदीप सिंह सुर्जेवाला ने फसलों की स्पैशल गिरदावरी में देरी के लिए विरोध जताते हुए खट्टर सरकार से प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत स्पैशल गिरदावरी की शुरुआत करने की मांग की। कैथल में बातचीत करते हुए सुर्जेवाला ने कहा कि प्रदेश में पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से किसानों की नरमा, कपास, ग्वार, मूंगफली, धान और बाजरे की फसलों को नुक्सान हुआ है लेकिन खट्टर सरकार ने बेहद उदासीन और सुस्त रवैया अपनाते हुए अभी तक स्पैशल गिरदावरी की शुरुआत भी नहीं की। सुर्जेवाला ने कहा कि प्रदेश का किसान जो पहले ही महंगाई और भाजपा सरकारों की किसान विरोधी नीतियों की मार झेल रहा था इस बेमौसमी बारिश ने उसकी कमर ही तोड़ दी है।

 ऐसे में हरियाणा के किसानों को तुरंत राहत की जरूरत है और भाजपा सरकार को सभी किसानों, मजदूरों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर निर्भर सभी वंचित और गरीबों का कर्जा भी कांग्रेस की पंजाब और कर्नाटक की सरकारों की तर्ज पर रिकवरी बंद करते हुए कर्ज माफ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों के इनपुट पर सबसिडी मिले, भारी बरसात व तूफान की वजह से खराब फसल की खरीद करते समय जो खरीद मानक में कमी आए उसमें छूट दी जाए और सरकारी रेट पर खरीद हो। 
 

सुर्जेवाला ने पूछा कि जब चंद बड़े उद्योगपतियों के 2 लाख 83 हजार करोड़ रुपए के बैंक कर्जे माफ हो सकते हैं तो कर्ज के बोझ में दबे देश के अन्नदाता किसानों व मजदूरों का कर्जा क्यों माफ नहीं किया जा रहा। सुर्जेवाला ने कहा कि फसल बीमा योजना केवल प्राइवेट बीमा कम्पनियों के हित में है और इससे केवल प्राइवेट बीमा कम्पनियों को लाभ हुआ है जिससे भारी संख्या में किसानों ने इसे नहीं अपनाया है। सुर्जेवाला ने कहा कि डी.ए.पी. का कट्टा 1091 से बढ़कर 1290 रुपए तक पहुंच गया है।

इसी प्रकार यूरिया का कट्टा 50 किलो से घटाकर 45 किलो का कर दिया है जबकि रेट बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि खाद पर 5 फीसदी, ट्रैक्टर पर 12 फीसदी, ट्रैक्टर टायर और स्पेयर पाट्र्स तथा कीटनाशक दवाओं पर 18 फीसदी जी.एस.टी. लगाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि उसका किसानों से कोई सरोकार नहीं है। पैट्रोल व डीजल को तुरंत जी.एस.टी. के दायरे में लाना समय की जरूरत है लेकिन मोदी सरकार उसे पिछले एक साल से टालती आ रही है। 

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