Edited By Manisha rana, Updated: 21 Feb, 2021 09:14 AM
200 करोड़ से अधिक का सरकारी चावल डकारने वाले डिफाल्टर राइस मिलों पर अब पुलिस शिकंजा कसेगी। जिले के यह राइस मिलर्स अब पुलिस के राडार पर आ गए हैं। डी.एफ.एस.सी. निशांत राठी ने रिकवरी के लिए एस.पी. गंगाराम...
करनाल : 200 करोड़ से अधिक का सरकारी चावल डकारने वाले डिफाल्टर राइस मिलों पर अब पुलिस शिकंजा कसेगी। जिले के यह राइस मिलर्स अब पुलिस के राडार पर आ गए हैं। डी.एफ.एस.सी. निशांत राठी ने रिकवरी के लिए एस.पी. गंगाराम पूनिया से बात की है। सरकार पैसा वसूलने में अब खाकी मदद करेगी। थानों में जिन पुरानी फाइलों पर धूल जम गई थी वह फिर से खुलेंगी। एक-एक डिफाल्टर राइस मिल के केस की पूरी कुंडली खंगाली जाएगी। राइस मिलर्स ने खुद पैसे जमा करवा दिया तो ठीक नहीं तो उनका सलाखों के पीछे जाना तय है। इधर, इनकी सम्पत्ति की नीलामी की प्रक्रिया भी जारी है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने राजस्व विभाग को 34 डिफाल्टर राइस मिलों की लिस्ट पहले ही सौंप रखी है। विभाग को उम्मीद है कि इस सख्ती से सरकारी पैसा जरूर आएगा।
3 राइस मिलों ने जमा करवाए 6.75 करोड़
प्रशासन की सख्ती का असर नजर भी आने लगा है। विभागीय आंकड़े के अनुसार राइस मिलों की नीलामी से पहले कृष्ण कृपा घरौंडा एक करोड़ जमा करवा चुका है। भगवती राइस मिल निसिंग 4.85 करोड़ और जय हनुमान के करीब 90 लाख रुपए आ चुके हैं। अन्य राइस मिलर्स में भी खलबली का आलम है। बता दें कि 2013-14 में 16 राइस मिल डिफाल्टर हुए थे। इसके बाद 2014-15 में 6 ने सरकारी चावल नहीं लौटाकर चूना लगाया। 2015-16 में 4 राइस मिल डिफाल्टर हुए। 2016-17 में एक, 2018-19 में 3 और और 2019-20 में 4 राइस मिलर्स करोड़ों का चावल डकार गए थे।
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