केजरीवाल एक आरक्षण विरोधी व्यक्ति, जो दलितों के आरक्षण के घोर खिलाफ रहे : प्रदीप नरवाल

Edited By Isha, Updated: 22 Mar, 2022 11:41 AM

kejriwal an anti reservation person

पंजाब में सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी में जहां सुनहरा राजनीतिक भविष्य देखते हुए दूसरी और तीसरी पंक्ति के नेताओं शामिल होने का सिलसिला जारी है, वहीं ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सह सचिव एवं प्रियंका गांधी की कोर टीम के सदस्य प्रदीप नरवाल ने...

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): पंजाब में सत्ता पर काबिज हुई आम आदमी पार्टी में जहां सुनहरा राजनीतिक भविष्य देखते हुए दूसरी और तीसरी पंक्ति के नेताओं शामिल होने का सिलसिला जारी है, वहीं ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सह सचिव एवं प्रियंका गांधी की कोर टीम के सदस्य प्रदीप नरवाल ने केजरीवाल पर बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि वह एक आरक्षण विरोधी व्यक्ति हैं। जो दलितों के आरक्षण के घोर खिलाफ रहे हैं। दिल्ली में यूथ फॉर इक्वलिटी ग्रुप की अगुवाई केजरीवाल ने की थी। 2006 में मेडिकल इंस्टिट्यूशन पर जब ओबीसी आरक्षण लागू हुआ, तब यह ग्रुप इस फैसले के खिलाफ बनाया गया था यानि अरविंद केजरीवाल का असली चेहरा बहुत कम लोगों को पता है।

यह वास्तव में गरीब विरोधी व्यक्ति है। नरवाल ने हरियाणा चुनावों में ढाई साल का वक्त बाकि बताते हुए कहा कि उससे पहले कई प्रदेशों में चुनाव हैं। बाहर के प्रदेशों के चुनाव परिणाम सभी लोगों का मन बदलेगा और हरियाणा प्रदेश की अध्यक्ष कुमारी शैलजा और सीएलपी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी प्रदेश में बहुत अच्छा काम करने वाली है। आज प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस है, जो अगली सरकार शत-प्रतिशत बनाएगी। क्योंकि पंजाब में अगले 6 महीने में ही आम आदमी पार्टी का झूठा मॉडल फेल साबित हो जाएगा। दिल्ली एक मेट्रोपॉलिटन सिटी और पंजाब एक बड़ा बॉर्डर स्टेट है। पंजाब का आर्थिक बजट उनकी घोषणाओं पर खरा नहीं उतर पाएगा। इसलिए उनका असली चेहरा जनता के सामने आना तय है और हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनना तय है।

नरवाल ने कहा आज उत्तर प्रदेश चुनाव का पूरा डाटा देखें तो साफ नजर आएगा कि वहां लड़ाई भाजपा और सपा की थी। तीसरा दल बसपा था और चौथे नंबर पर लोग कांग्रेस का नाम लेते थे। लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता ने या तो वोट दिए भाजपा को जिताने के लिए या फिर हराने के लिए। नेशनल मीडिया ने भाजपा की इच्छानुसार ऐसा माहौल तैयार किया कि लड़ाई भाजपा-सपा के बीच में खड़ी कर दी गई। क्योंकि वह जानती थी कि सपा भाजपा से नहीं जीत पाएगी। लेकिन कांग्रेस भाजपा को हरा देगी।उत्तरप्रदेश में आज सपा हारी है। बसपा चुनाव में खत्म हुई है और कांग्रेस के लिए भविष्य का विकल्प खुला है।

भाजपा विरोधी वोटरों ने पहले ही मन बना लिया था कि 2022 में वह सपा को वोट देंगे और 2024 में कांग्रेस को। इस चुनाव में लोगों ने देखा कि प्रियंका गांधी ने जहां- जहां गरीब-किसान-मजदूर का शोषण हुआ, वहां लड़ाई लड़ी। वह हाथरस-लखीमपुर खीरी पहुंची, सीतापुर जेल में गई। जनता ने मान लिया है कि प्रियंका उनके बीच में रहने वाली नेता है। आज बेशक तरह-तरह की अफवाहें चल रही हो लेकिन कांग्रेस की लीडरशिप सोनिया गांधी- राहुल गांधी और प्रियंका गांधी है। कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं से ही पूरा विचार लेती है और आने वाले दिनों में हम इनके नेतृत्व में व्यापक लड़ाई लड़ेंगे। देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि वास्तव में लड़ाई राहुल और प्रियंका गांधी ही लड़ रहे हैं और जनता यह भी मान चुकी है कि देश में मात्र कांग्रेस ही भाजपा को हराने में सक्षम है और आज देश का सबसे पसंदीदा चेहरा प्रियंका गांधी है।

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