Edited By Shivam, Updated: 23 Aug, 2018 09:46 PM
पंजाब और हरियाणा के बीच एसवाईएल के मुद्दे पर दशकों से विवाद चल रहा है। पंजाब अब इस मुद्दे पर अतिरिक्त पानी ना होने का हवाला देते हुए एसवाईएल के निर्माण के पक्ष में नही है। इस सब विवाद के बीच एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति के पदाधिकारियों ने चंडीगढ़ में...
चंडीगढ़ (धरणी): पंजाब और हरियाणा के बीच एसवाईएल के मुद्दे पर दशकों से विवाद चल रहा है। पंजाब अब इस मुद्दे पर अतिरिक्त पानी ना होने का हवाला देते हुए एसवाईएल के निर्माण के पक्ष में नही है। इस सब विवाद के बीच एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति के पदाधिकारियों ने चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता कर वैकल्पिक मार्ग बनाने का प्रपोजल मीडिया के समक्ष रखा है। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर पंजाब एसवाईएल के निर्माण को तैयार नहीं है तो हिमाचल से सीधा हरियाणा के लिये नहर का निर्माण किया जा सकता है।
एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति के अध्यक्ष जितेंद्र नाथ ने बताया कि भाखड़ा डैम से हिमाचल के रास्ते नालागढ़ बद्दी से होते हुए पिंजौर के साथ पंचकूला के रास्ते टांगरी नदी में पानी डाल कर जनसुई हैड तक लाया जा सकता है। जनसुई हैड से आगे सभी नहरें पहले से बनी हुई हैं। इस प्रोजेक्ट से एसवाईएल की दूरी भी कम होकर 67 किलोमीटर रह जाएगी। पंजाब के रास्ते दूरी 157 किलोमीटर पड़ती है । उन्होंने कहा की इसको लेकर समिति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि कोर्ट सरकारें नहीं चलाती ना ही चलाना चाहती हैं, इसको लेकर सरकारों से बात करे।
जितेंद्र नाथ ने कहा की समिति इस प्रपोजल को लेकर प्रधानमंत्री सहित हिमाचल, हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और अन्य सभी मंत्रियो को भी प्रपोजल सौंप चुकी है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला। आने वाले दिनों में समिति इस प्रोजेक्ट को लेकर जनसमर्थन जुटाने के उद्देश्य से दक्षिणी हरियाणा का दौरा करेगी और प्रदेश वासियों को इस प्रोजेक्ट से अवगत करवाने का प्रयास करेगी। जिसके बाद 1 दिसम्बर को समिति के सदस्य जंत्रमंत्र पर प्रदेशवासियों के साथ एकत्रित होकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपने का काम करेंगे।