Edited By Isha, Updated: 28 Oct, 2019 05:28 PM
वर्तमान में हुए चुनावों में जो नतीजे आए उसमें जाट समाज ने अपने मत का प्रयोग करते हुए रोष प्रकट किया और जो सरकार को हराने में सक्षम था उस उम्मीदवार को वोट किया था और इसके नतीजे भी
डेस्कः वर्तमान में हुए चुनावों में जो नतीजे आए उसमें जाट समाज ने अपने मत का प्रयोग करते हुए रोष प्रकट किया और जो सरकार को हराने में सक्षम था उस उम्मीदवार को वोट किया था और इसके नतीजे भी सामने आए जिसमें सत्ता पक्ष के उन बड़े नेताओ को हार का मुंह देखना पड़ा जिन्होंने जाट समाज के भावनाओ की अनदेखी की और पैरवी नहीं की।
आज जेजेपी व कुछ निर्दलीय विधायक की जेलो में बंद युवाओ की रिहाई के लिए जाट समाज की भावनाओ के विपरित जाकर अपने निजी हितो को साधने में सरकार के लिए भाजपा के साझेदार बन रहे है जिससे जाट समाज में भारी रोष है।
अखिल भारतीय जाट महासभा उन नेताओ को ये बताना चाहती है कि अगर जाट समाज के युवाओ की रिहाई और मुकद्दमे वापिस नहीं लिए गए तो आगमी फरवरी 2020 में महासभा उन विधायको के विधानसभा क्षेत्रों में जाकर समाज को वास्तव स्थिती से अवगल करवाकर एक बड़े आदोलन की शुरूआत करेगी।