Edited By vinod kumar, Updated: 16 Apr, 2020 09:23 PM
बॉर्डर पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले बहादुर कोरोना की जंग में भी देश की रक्षा कर रहे हैं। संकट की इस घड़ी में जवान काेराेना याेद्धा यानि डॉक्टर्स के लिए खुद अपने हाथों से पीपीई किट और मास्क तैयार कर रहे हैं।
साेनीपत(पवन राठी): बॉर्डर पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले बहादुर कोरोना की जंग में भी देश की रक्षा कर रहे हैं। संकट की इस घड़ी में जवान काेराेना याेद्धा यानि डॉक्टर्स के लिए खुद अपने हाथों से पीपीई किट और मास्क तैयार कर रहे हैं।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ना शुरू हुआ तो हर जगह पीपीई किट व मास्क की मांग भी बढ़ने लगी। जिससे इनकी कमी तक होने लगी। इसे देखते हुए सोनीपत के गांव सबौली में स्थित आईटीबीपी के सेंटर में पीपीई किट व मास्क बनाने की पहल शुरू की गई।
जवान डॉक्टरों और उनके सहयोगियों के लिए प्रतिदिन सैकड़ों मास्क और पीपीई किट बनाकर सप्लाई कर रहे हैं। ताकि एनसीआर क्षेत्र में मास्क और पीपीई किट की कमी न रहे।
आइटीबीपी सबोली के कमांडेंट मुकेश सराफ, जसवंत सिंह उप सेनानी और विजय द्वितीय कमान के नेतृत्व में जवान पिछले 16 दिनों से यहां पर 150 टीपीई किट 500 मास्क 50 बेड शीट और 50 तकिया के कवर प्रतिदिन तैयार कर रहे हैं।
आईटीबीपी सोनीपत सेंटर के कमांडेंट मुकेश सराफ ने बताया कि देश के जवान सीमाओं पर देश की रक्षा तो करते ही है, लेकिन जब आंतरिक रक्षा की बात आए तो वो पीछे नही हटते। उन्हाेंने बताया कि हमें महानिदेशक से आदेश मिले थे कि क्या हम पीपीई किट बना सकते तो हमने ये काम शुरू किया और अब हम हर रोज 150 पीपीई किट मास्क व अन्य जरूरी सामान है वो यहां बना रहे है।