Edited By vinod kumar, Updated: 26 May, 2020 12:39 AM
कोरोना महामारी के चलते दिन-रात जान जोखिम में डाल काम कर रहे डॉक्टरों ओर पत्रकारों का दूसरा रूप सामने आया। कोरोना को मात दे चुकी इशरत जहां एक तरफ पति को खो चुकी है, तो दूसरी ओर मुबारक ईद का भी तोहफा मिला है। आर्थिक हालात से कमजोर इशरत की मदद के लिए...
राेहतक (दीपक): कोरोना महामारी के चलते दिन-रात जान जोखिम में डाल काम कर रहे डॉक्टरों ओर पत्रकारों का दूसरा रूप सामने आया। कोरोना को मात दे चुकी इशरत जहां एक तरफ पति को खो चुकी है, तो दूसरी ओर मुबारक ईद का भी तोहफा मिला है। आर्थिक हालात से कमजोर इशरत की मदद के लिए हाथ आगे आए।
पीजीआई डॉक्टर, पत्रकार और समाज सेवियों ने की आर्थिक मदद
कोरोना वायरस के कारण अपने पति को खो चुकी इशरत की आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के कारण इलाज कर रहे पीजीआई के डॉक्टर, पत्रकार और समाज सेवियों ने आर्थिक मदद की। यही नहीं इशरत जहां के लिए पीजीआई में नाैकरी का भी ऑफर दे दिया। इशरत के पति, उनकी तीन बेटियां, इशरत के पिता और खुद इशरत कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी।
कोरोना की लड़ाई में एक कदम आगे बढ़ाते हुए पीजीआई रोहतक से कोरोना से जीतकर निकली इशरत खातून व उनके परिवार को आर्थिक मदद देकर साबित कर दिया है कि डॉक्टर वास्तव में भगवान का रूप है। इसके साथ साथ पत्रकार और समाज सेवी ने भी इशरत की आर्थिक मदद के लिए आगे आए। इशरत जहां के परिवार के 6 सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
बता दें कि 17 मई को इशरत खातून के पति मोहम्मद रजा जाे गुडग़ांव में फूड डिलीवरी का काम करता था कोरोना संक्रमित हो गया। जिस वजह से उसे गुड़गांव से रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। 19 मई को मोहम्मद रजा का कोरोना के कारण निधन हो गया।
जैसे ही पीजीआई प्रशासन को पता चला कि मोहम्मद रजा की पत्नी इशरत खातून भी रोहतक में है, तो उसका भी कोरोना टेस्ट किया गया। इशरत खातून के भी पाॅजिटिव पाए जाने पर उसे भी दाखिल कर लिया गया। आज इशरत खातून की रिपाेर्ट नेगेटिव आने के बाद आज उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
इशरत खातून की तीन बेटियां हैं जोकि पॉजिटिव पाई गई हैं व इसके पिता भी कोरोना पॉजिटिव हैं। जिनका गुरुग्राम में ही इलाज चल रहा है। फिलहाल इशरत जहां कोरोना को मात देकर डिस्चार्ज हो चुकी है, लेकिन उसकी माली हालत ठीक न होने के कारण डॉक्टर, पत्रकार और समाज सेवी ने आर्थिक मदद की।
यही नहीं पीजीआई की तरफ से उन्हें आर्थिक मदद का भी ऑफर दिया गया।फिलहाल इशरत जहां ईद के पावन मौके पर घर जाना चाहती थी। अपनी बेटियों के पास, इसलिए पीजीआई ने उन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से घर भजे दिया।इसके साथ नेपाल के 14 साल के युवक की भी आर्थिक मदद की गई और उसे भी गुरुग्राम भेज दिया गया।