Edited By Isha, Updated: 20 Feb, 2022 06:44 PM
करीब अढ़ाई दशक पूर्व तीर्थों की संगमस्थली धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से अमेरिका में जा कर विभिन्न राज्यों में सफल व्यवसायी बनने वाले अप्रवासी भारतीय जे.एम.डी. ग्रुप प्रमुख नरेंद्र जोशी का आज भी हरियाणा राज्य एवं कुरुक्षेत्र की धरती से लगाव है। चंडीगढ़
चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): करीब अढ़ाई दशक पूर्व तीर्थों की संगमस्थली धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से अमेरिका में जा कर विभिन्न राज्यों में सफल व्यवसायी बनने वाले अप्रवासी भारतीय जे.एम.डी. ग्रुप प्रमुख नरेंद्र जोशी का आज भी हरियाणा राज्य एवं कुरुक्षेत्र की धरती से लगाव है। चंडीगढ़ में नरेंद्र जोशी ने चर्चा करते हुए बताया कि चाहे वह अमेरिका में स्थापित हो चुके हैं लेकिन उनके परिवार का लगाव अपने देश एवं मातृ भूमि से है।
उनका प्रयास रहता है कि वे अपनी मातृ भूमि के विकास में कुछ न कुछ योगदान अवश्य दें। पूरे विश्व में कुरुक्षेत्र की पहचान महाभारत के युद्ध एवं गीता की जन्मस्थली के रूप में है। जोशी ने कहा कि लेकिन कुरुक्षेत्र की पहचान देश के अन्य पर्यटन स्थलों की भांति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाने के लिए विकास कार्यों को किए जाने की है। उन्होंने बताया कि वे जे.एम.डी. एंटरटेनमेंट के एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में एक सप्ताह के लिए भारत आए थे लेकिन उन्हें कुछ कारणों से अपना प्रवास बढ़ाना पड़ा है। उन्होंने कुरुक्षेत्र में वर्षों से अधूरे पड़े विकास कार्यों को देखा है।
जोशी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार कुरुक्षेत्र में विकास कार्यों को गति देने की आवश्यकता है। कुरुक्षेत्र में अगर अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को आकर्षित करना है तो यहां अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन सुविधाएं भी देनी होंगी। सुविधाओं के बिना अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन कुरुक्षेत्र की ओर आकर्षित नहीं हो सकता है। जोशी ने बताया कि मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल के गत अमेरिका प्रवास के दौरान भी उनकी बात हुई थी और मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था कि कुरुक्षेत्र की पहचान अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन में विशेष होगी। जोशी ने उम्मीद जाहिर की कि राज्य सरकार इस संबंध में विकास कार्यों में तेजी लाएगी। इस मौके पर उनके साथ प्रमुख व्यवसायी सोनू शर्मा भी मौजूद थे।