यमुना के बहाव से छेड़छाड़, 2 माइनिंग कम्पनियों पर मुकद्दमा दर्ज करने के निर्देश

Edited By Isha, Updated: 02 Jun, 2019 01:56 PM

instructions for filing trial against yamuna flows 2 mining companies

बारिश के संभावित मौसम को देखते हुए यमुना पर बाढ़ इंतजामों का जायजा लेने पहुंचे डी.सी. की गाज यहां की 2 माइङ्क्षनग कंपनियों पर पड़ गई। यमुना की धार को मोडऩे का प्र

गन्नौर/सोनीपत (ब्यूरो): बारिश के संभावित मौसम को देखते हुए यमुना पर बाढ़ इंतजामों का जायजा लेने पहुंचे डी.सी. की गाज यहां की 2 माइङ्क्षनग कंपनियों पर पड़ गई। यमुना की धार को मोडऩे का प्रयास कर खनन करने वाले कंपनियों के लिए डी.सी. ने एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने दोनों कंपनियों द्वारा यमुना नदी के अंदर बनाए गए बांध व रास्तों को भी तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश दिए। बरसाती मौसम की निकटता के चलते डी.सी. डा. शालीन ने प्रशासनिक तथा संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ यमुना नदी पर बाढ़ बचाव कार्यों की समीक्षा की। 

उन्होंने टिकोला गांव की सीमा में खनन कंपनी डी.एस.पी. एसोसिएट्स तथा बडौली में टैक्नो एक्सपर्ट्स के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने के आदेश दिए।  दोनों ही कंपनियों ने यमुना नदी के बहाव के साथ छेड़छाड़ की, जिस पर डी.सी. ने दोनों कंपनियों के संंबंधित प्रबंधकों को फटकार भी लगाई। कंपनियों ने यमुना नदी के अंदर अस्थाई मार्ग का निर्माण किया हुआ था, जिससे नदी के बहाव को प्रभावित किया गया। डी.सी. ने कहा कि यह गैर-कानूनी है। ऐसे में शीघ्रातिशीघ्र यमुना के भीतर बंध व रास्तों को तोडऩे के आदेश दिए। इस दौरान एस.डी.एम. सुरेंद्रपाल, एस.डी.एम. विजय सिंह, जिला राजस्व अधिकारी ब्रह्मप्रकाश, तहसीलदार विकास, एक्स.ई.एन. विकास कुमार, एस.डी.ओ. अश्विनी कौशिक, कानूनगो ओमकार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। 

ग्रामीणों ने बताई नीलगाय की समस्या, समाधान का भरोसा 
यमुना पर बाढ़ बचाव कार्यों के निरीक्षण के दौरान डी.सी. डा. शालीन ने ग्रामीणों से भेंट करते हुए समस्याओं की जानकारी ली। बेगा, टिकोला आदि कई गांवों के ग्रामीणों ने रोज (नीलगाय) की समस्या से निजात दिलाने की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि रोज उनकी फसलों को नष्ट कर देती है। किसानों को नुक्सान से बचाने के लिए रोज से छुटकारा दिलाने की जरूरत है। इस पर डी.सी. ने ग्रामीणों से ही इस संदर्भ में सुझाव मांगें और भरोसा दिलाया कि जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने सभी घाटों का निरीक्षण करते हुए हर प्रकार की आवश्यकताओं की समीक्षा की। 

टिकोला में 60 लाख की लागत से बनेंगी ठोकरें 
बाढ़ प्रबंधन कार्यों के निरीक्षण के दौरान उपायुक्त डा. शालीन ने टिकोला में एक ठोकर की आवश्यकता महसूस की। ग्रामीणों की मांग पर उन्होंने संबंधित स्थल का दौरा करते हुए कहा कि वे यहां ठोकर लगाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजेंगे। यहां करीब 60 लाख रुपये की लागत से ठोकर का निर्माण कराया जाएगा। 

बडौली, नांदनौर, जगदीशपुर व दहिसरा का भी किया दौरा 
बेगा से होते हुए डी.सी. डा. शालीन मीमारपुर घाट पर पहुंचे, जहां उन्होंने यमुना में बनाई ठोकरों की जरूरतों पर ग्रामीणों के साथ चर्चा की। इसके बाद वे टिकोला गए। टिकोला से नांदनौर होते हुए बड़ौली घाट का निरीक्षण किया। बड़ौली से जगदीशपुर पहुंचे और अंत में दहिसरा घाट का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सभी घाटों पर यमुना के बहाव तथा कटाव की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि यमुना में पानी बढऩे पर ग्रामीणों को कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी। हर प्रकार के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।

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