Edited By Deepak Paul, Updated: 02 Sep, 2018 11:36 AM
कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने के बाद जहां सरकार और कर्मचारी आमने-सामने हैं वहीं, विपक्ष भी कर्मचारियों के हक में खड़ा नजर आ रहा है। इनैलो व कांग्रेस दोनों ने ही एस्मा का
पंचकूला(धरणी): कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने के बाद जहां सरकार और कर्मचारी आमने-सामने हैं वहीं, विपक्ष भी कर्मचारियों के हक में खड़ा नजर आ रहा है। इनैलो व कांग्रेस दोनों ने ही एस्मा का समाधान न बताकर दमनकारी नीति की संज्ञा दी है। विपक्ष ने कहा कि यह सरकार की अनुभवहीनता है।
कांग्रेस के नेता केवल ढींगरा ने कहा कि कर्मचारियों से बात न करके एस्मा लगाकर कर्मचारियों को वापस लेना सरकार की अनुभवहीनता को साफ दर्शाता है। ढींगरा ने आरोप लगाया कि सरकार अनुभवहीनता के कारण या जानबूझकर संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। ढींगरा ने कहा की कर्मचारियों की अलग-अलग मांग होती है जिसे लेकर सरकार को समाधान करना चाहिए। सरकार अपने संकल्प पत्र में कर्मचारियों के लिए दावे करती है लेकिन इनको पूरा नहीं करती यह सरकार का फेलियर है।
वहीं, इनैलो के नेता आर.एस. चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार के निर्णय कर्मचारी विरोधी रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरकार में आने से पहले जो वायदे किए उनमें से किसी को भी पूरा नहीं किया उलटा सेवानिवृत्ति की उम्र भी 58 साल कर दी। चौधरी ने कहा कि सरकार का न ही कोई अनुभव है और न ही मंशा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में आज या तो अपराध है या कर्मचारी हड़ताल पर हैं। एस्मा लगाना एक दमनकारी व तानाशाही नीति है। उन्होंने कहा कि प्रशासन शासन का अंग होने के कारण यदि कोई समस्या है तो उसे सरकार बैठकर सुलझाए एस्मा कोई समाधान नहीं है।