धान अलाटमैंट में उड़ी नियमों की धज्जियां, कई राइस मिलर्स को तय मानक से ज्यादा दे दिया धान

Edited By Isha, Updated: 06 Dec, 2019 06:06 PM

in the rice allotment the rules of the fly

धान अलाट करने में नियमों की जमकर धज्जियां उड़ी। सी.एम.आर. का काम कर रहे कई राइस मिल्स को तय मानक से ज्यादा धान दे दिया गया। खाद्य एवं आपूॢत विभाग के अधिकारी इतने मेहरबान हुए कि चहेतों को दोगुनी पैडी तक अलाट कर डाली।

करनाल (मनोज): धान अलाट करने में नियमों की जमकर धज्जियां उड़ी। सी.एम.आर. का काम कर रहे कई राइस मिल्स को तय मानक से ज्यादा धान दे दिया गया। खाद्य एवं आपूॢत विभाग के अधिकारी इतने मेहरबान हुए कि चहेतों को दोगुनी पैडी तक अलाट कर डाली। 

अधिकारियों के अनुसार 70 हजार किं्वटल से अधिक धान राइस मिल को नहीं दिया जा सकता है लेकिन जिले के कुछ राइस मिलों को 1.41 लाख किं्वटल यानी दोगुनी से भी ज्यादा पैडी दी गई। 
1 लाख किं्वटल का आंकड़ा छूने वाली राइस मिलों की संख्या 6 है जबकि 21 मिल ऐसी हैं जिन्हें 80 से 90 हजार किं्वटल तक धान दिया गया। विभागीय आंकड़े गवाह हैं कि 60 ऐसी मिल हैं जिन्हें सीधे तौर पर लाभ पहुंचाने के लिए पैडी पॉलिसी को ही दरकिनार कर दिया गया। विभाग ने फिजीकल वैरीफिकेशन के साथ ही यह रिपोर्ट भी मुख्यालय भेज दी है। सूत्रों की मानें तो इन राइस मिल्स पर एक्शन हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो जिन अधिकारियों की देखरेख में अधिक धान दिया गया उन पर कार्रवाई तय है। 

आरोप के बाद हुई थी पी.वी. 
पी.आर. धान की सरकारी खरीद में सीजन की शुरुआत से ही घोटाले के आरोप लगने लगे थे। बीते दिनों यह मुद्दा विधानसभा में भी गूंजा था। आरोप है कि मंडी प्रशासन, आढ़ती, मिलर्स और खरीद एजैंसियों के इंस्पैक्टरों ने मिलीभगत कर बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया। कई राइस मिलों में तो धान केवल कागजों में उगी। इसे खरीदा तक नहीं गया। अब ऐसे राइस मिल दूसरे राज्यों से सस्ता चावल लाकर एफ.सी.आई. में जमा करवा देंगे।
 इसके बाद सरकार ने राइस मिलों की पी.वी. कराई। जिले में 30 टीमों ने रिकॉर्ड खंगाला। 22 जून को पी.वी. शुरू की। 29 जून तक जांच चली थी। यह रिपोर्ट भी मुख्यालय पहुंच चुकी है। विभागीय आंकड़े के अनुसार करीब 12 राइस मिल्स में एक-एक हजार मीट्रिक टन तक धान कम मिली है। लगभग सभी में स्टॉक कम है।

डी.एफ.एस.सी. बोले- इंंस्पैक्टर्स जानें 
तत्कालीन डी.एफ.एस.सी. कुशल बुरा का कहना है कि मैंने किसी भी मिल को ज्यादा धान देने की सिफारिश नहीं की। इस बारे में इंस्पैक्टर्स को ही पता होगा। उन्होंने ही धान अलाट किया है। मैंने किसी को ज्यादा धान अलाट करने के लिए नहीं बोला था। यह तो सीधे तौर पर इंस्पैक्टर की खामी है। मैंने तो 10 लैटर निकाले कि ज्यादा धान नहीं देना है। जो देगा वह इसके लिए खुद जिम्मेदार होगा।  

खरीद मेरे आने से पहले हुई : अनिल 
डी.एफ.एस.सी. अनिल कुमार ने कहा कि पी.आर. धान की सरकारी खरीद उनके आने से पहले हो गई थी। मैंने किसी को तय मानक से ज्यादा धान अलाट नहीं किया। पैडी पॉलिसी के अनुसार ए ग्रेड के राइस मिल को भी 70 हजार किं्वटल से अधिक धान नहीं दिया जा सकता है। दूसरे ग्रेड को इससे भी कम देना होता है। जिले के कई राइस मिलों को ज्यादा पैडी अलाट की गई है। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है। 

सरकार जांच करे, अधिक धान क्यों अलाट किया : विजय 
सी.एम.आर. राइस मिलर्स एसोसिएशन करनाल के प्रधान विजय टक्कर ने कहा कि जिन राइस मिलर्स को तय मानक से ज्यादा धान अलाट किया गया है सरकार इनकी जांच करे। इसमें कौन-कौन से अधिकारी शामिल हैं। आखिर उन्हें 70 हजार किं्वटल से अधिक धान अलाट ही क्यों किया गया।  जिले में कई राइस मिल ऐसे हैं जिन्हें धान की 250 गाड़ी तक दे दी गई जबकि सी.एम.आर. का काम कर रहे छोटे राइस मिलर्स का तय कोटा भी पूरा नहीं हुआ।

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