Edited By Shivam, Updated: 22 Jan, 2019 08:37 PM
मोरनी गैंगरेप में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए डीजीपी हरियाणा को 21 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए एफिडेविट फाइल करने व स्टेटस रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। इस मामले में जेल में बन्द एक दोषी के...
चंडीगढ़ (धरणी): मोरनी गैंगरेप में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए डीजीपी हरियाणा को 21 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए एफिडेविट फाइल करने व स्टेटस रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। इस मामले में जेल में बन्द एक दोषी के वकील सुखविंदर नारा द्वारा लगाई जमानत की एप्लिकेशन पर नारा ने पुलिस की जांच में बताई कई कमियां उजागर की। गौरतलब है कि मोरनी गैंग रेप में हाई कोर्ट ने लिया खुद सू-मोटो लिया था।
एक महिला द्वारा 40 से ज्यादा लोगों पर रेप के आरोप लगाए जाने के बाद में पुलिस ने कुछ लोगों की गिरफ्तारी के बाद पाया कि महिला का पति ही उसे इस धंधे में धकेल रहा था। पुलिस को हाईकोर्ट ने सू मोटो के दौरान एसआईटी बनाने के आदेश भी दिए थे। उस एसआईटी की कार्यवाही व जांच पर भी हाईकोर्ट की नजरें हैं।