एक तीर से कई निशाने साधने के प्रयास में तंवर

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 04 Jun, 2018 07:56 AM

in an effort to shoot many targets with one arrow tanwar

‘हरियाणा बचाओ परिवर्तन लाओ’ साइकिल यात्रा के जरिये प्रदेश की जनता के बीच निकले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा. अशोक तंवर एक तीर से कई निशाने साधने के प्रयास में हैं। उनकी साइकिल यात्रा के दूसरे चरण का यह रोचक पहलू है कि उन्होंने पूर्व...

सिरसा(अरोड़ा): ‘हरियाणा बचाओ परिवर्तन लाओ’ साइकिल यात्रा के जरिये प्रदेश की जनता के बीच निकले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा. अशोक तंवर एक तीर से कई निशाने साधने के प्रयास में हैं। उनकी साइकिल यात्रा के दूसरे चरण का यह रोचक पहलू है कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के गृह जिले से इसका आगाज किया और इसकी शुरूआत भी गांव चौटाला से की। 

खास बात यह है देवीलाल परिवार से उनके साथ पूर्व सांसद रणजीत सिंह के आने के बाद से उनका सियासी कद भी बढ़ गया है। इसके साथ ही यात्रा के समापन पर सिरसा की अनाजमंडी में सोमवार 4 जून को एक रैली रखी गई है। रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए माहिर माने जाने वाले रणजीत सिंह की ओर अतीत में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की रैलियों में भीड़ जुटाई जाती रही है, पर पहली बार वे तंवर के लिए भीड़ जुटाएंगे। 

दरअसल जेठ की तपती गर्मी में साइकिल यात्रा के जरिए जनमानस की टोह लेने निकले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक तंवर पिछले कुछ समय से हुड्डा खेमे के कई अहम नेताओं को अपने साथ करने में सफल हुए हैं। सिरसा में रणजीत सिंह का अपना एक प्रभाव है। इस समय रणजीत सिंह पूरी तरह से तंवर के साथ हैं और दोनों नेताओं की जुगलबंदी का असर ही है कि यहां पर कांग्रेस अब पहले से मजबूत नजर आ रही है। इसके साथ ही अभी कुछ समय पहले पूर्व सांसद ईश्वर सिंह तंवर के खेमे में आए हैं। ईश्वर सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री शैलजा के करीब माने जाते हैं। 

कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे होशियारी लाल शर्मा भी तंवर के साथ डटे हुए हैं। खास बात यह है कि साइकिल यात्रा के जरिए जहां तंवर हरियाणा की सियासी जमीन पर चुनावी फसल काटने को आतुर है, वहीं वे इन दिनों सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर भी काम कर रहे हैं। वे स्वयं अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं तो जाट समाज से रणजीत सिंह उनके साथ हैं। ब्राह्मण समाज से पं. होशियारी लाल शर्मा हैं तो तमाम तबकों के लोगों के जुडऩे से हरियाणा की सियासत में तंवर का कांग्रेसी कुनबा बढ़ा है। चूंकि सिरसा इनैलो का गढ़ रहा है और इस गढ़ को 2009 के लोकसभा चुनाव में तंवर ने भेदा भी था। उस समय तंवर ने इनैलो के डा. सीताराम को 35 हजार वोटों से पराजित किया था। 
 

हालांकि 2014 की चुनावी नैया वे पार नहीं कर सके थे। पर फिलहाल वे इनैलो के इस गढ़ में एक मजबूत टीम के साथ सियासी संघर्ष कर रहे हैं। संघर्ष की इसी कड़ी में पहले साइकिल यात्रा और अब सोमवार को उन्होंने सिरसा में रैली रखी है। इनैलो के गढ़ में एक सफल रैली कर तंवर और रणजीत सिंह अपनी सियासी ताकत दिखाते हैं तो जाहिर तौर पर कांग्रेस के लिए यह राहत भरा रहेगा। राज्य के राजनीतिक पर्यवेक्षकों की भी इस रैली पर निगाह लगी हुई है। गौरतलब है किसी भी विपक्षी दल की ओर से सिरसा में काफी वक्त से कोई बड़ी राजनीतिक रैली नहीं हुई है। 
 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!