लिंगानुपात को सुधार प्रशासन की रोल मॉडल बनीं : रूपिंद्र

Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Mar, 2018 09:46 AM

improvement of sex ratio has become role s of administration rupinde

यदि दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कोई भी बाधा आड़े नहीं आती और रास्ता खुद-ब-खुद निकलता जाता है। यहां बात हो रही है 31 वर्षीय महिला युवा सरपंच रुपिंद्र कौर की। रुपिंद्र लिंगानुपात को सुधारने के लिए सक्रिय हैं...

फतेहाबाद(ब्यूरो): यदि दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कोई भी बाधा आड़े नहीं आती और रास्ता खुद-ब-खुद निकलता जाता है। यहां बात हो रही है 31 वर्षीय महिला युवा सरपंच रुपिंद्र कौर की। रुपिंद्र लिंगानुपात को सुधारने के लिए सक्रिय हैं। वे बताती हैं कि उनके अपने गांव म्योंद खुर्द में लिंगानुपात में दोगुणा का सुधार आया है। 3 वर्ष पहले 2015 में फतेहाबाद के गांव म्योंद खुर्द का लिंगानुपात 1000 लड़कों के पीछे 445 लड़कियां था लेकिन 2 वर्ष पहले रुपिंद्र कौर ने सरपंच बनने के बाद इसमें सुधार करने का बीड़ा उठाया। 

वो कहती हैं कि सरपंच बनते समय उन्होंने संकल्प लिया था कि इस अंतर को बराबर पर लाएंगी। 2 वर्ष तक अनथक प्रयास किया। इसी का परिणाम है कि आज 1000 लड़कों के पीछे 1121 लड़कियां हैं। रुपिंद्र इसका श्रेय गांव की उन महिलाओं को देती हैं। जिन्होंने उनकी बात को माना और बेटा-बेटी के फर्क को दरकिनार करते हुए बेटियों को जन्म लेने दिया। इस काम में उनका साथ गांव की आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर व उनकी साथी बनी युवतियों ने दिया।

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