बिना अनुमति चल रहा था ‘शाही बेटियां बसेरा’

Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Sep, 2017 10:22 AM

imperial daughters sit down without permission

डेरा सच्चा सौदा का ‘शाही बेटियां बसेरा’ 5 माह से बिना अनुमति के चल रहा था।

सिरसा (नवदीप सेतिया):डेरा सच्चा सौदा का ‘शाही बेटियां बसेरा’ 5 माह से बिना अनुमति के चल रहा था। यह खुलासा हाल ही में बाल संरक्षण विभाग की टीम की ओर से डेरा के इस बसेरा में दी दस्तक के बाद हुआ व 19 नाबालिग लड़कियों को लाने के बाद हुआ। मार्च के बाद से बाल संरक्षण विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। मामला इसलिए संजीदा हो जाता है, क्योंकि इस बसेरा में कुल 29 लड़कियां थी। इनमें से 19 लड़कियां 2 साल से 17 साल की थीं, जबकि 10 लड़कियां 18 वर्ष से अधिक उम्र की थी। यह पूरा मामला जुवेलाइन जस्टिस की उल्लंघना का माना जा रहा है। ऐेसे में विभाग की ओर से मामला पुलिस के संज्ञान में भी लाया गया है।

दरअसल राज्य में पालन-पोषण के लिए बने बाल कुंजों के लिए जुवेलाइन जस्टिस के अंतर्गत मापदंड तय किए हैं। डेरा सच्चा सौदा में लड़कियों के बने शाही बेटियां बसेरा व लड़कों के लिए बने आसरा आश्रम ऐसे मापदंडों की अनुपालना नहीं की गई। 2004 में डेरा में आसरा आश्रम बनाया था, जहां अनाथ बच्चों को रखा जाता था। इसी तरह 23 जनवरी 2007 को शाही बेटियां बसेरा में स्थापित किया। नियमों के अनुसार जिला बाल कल्याण समिति की टीम की ओर से माह में 2 बार निरीक्षण करना जरूरी होता है। तमाम शर्तों व नियमों की अनुपालना के बाद ऐसे केंद्र चलाने के लिए जिला बाल संरक्षण विभाग की ओर से अनुमति दी जाती है। पर इन दोनों ही केंद्रों का मार्च 2017 के बाद अनुमति प्रमाणपत्र नवीनीकरण नहीं किया गया। जाहिर तौर पर नियमों की अनुपालना न होने पर ही ऐसा हुआ। 

गौरतलब है कि डेरा के शाही बेटियां बसेरा में कुल 29 लड़कियां थीं। 31 अगस्त को 18 नाबालिग लड़कियों को शाही बेटियां बसेरा से लाकर सोनीपत के बालकुंज में भेजा गया। 1 सितम्बर को 1 और नाबालिग लड़की को लाया गया। 18 वर्ष से अधिक की 10 लड़कियों ने बाद में मर्जी से डेरा छोड़ दिया। इससे पहले आसरा आश्रम में से 34 अनाथ बच्चों को लाया गया था। पर बड़ा सवाल यह है कि बिना अनुमति के अप्रैल से लेकर अगस्त माह तक 5 महीने तक दोनों केंद्र चलते रहे। यह एक गंभीर व संजीदा मामला है। पिछले साल नवम्बर में ही बतौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी सिरसा में स्थानांतरित हुई डा. गुरप्रीत का कहना है कि नियमों का पूरी तरह से पालन न करने पर मार्च माह के बाद केंद्रों के अनुमति पत्र का नवीनीकरण नहीं किया गया।

अभी एक लड़की भी लापता
खास बात यह है कि इन केंद्रों में रहने वाले कुछ लड़के भी लापता हैं। 4 दिन पहले चरखी दादरी से एक परिवार यहां आया। उनकी भतीजी यहां शाही बेटियां बसेरा में रहती थी, पर वह अब तक घर नहीं पहुंची है। उसका डेरा में भी कोई पता नहीं है। इसी तरह से करनाल का अमित नामक बच्चा भी लापता है। अमित की माता सुलोचना देवी के अनुसार उनका ब्च्चा अमित मानसिक रूप से परेशान था। उन्होंने बताया कि वे डेरा में एक सत्संग में गए थे। 4 अक्तूबर 2016 को उनका बेटा लापता हो गया। उन्होंने 7 अक्तूबर को इस बाबत पुलिस में शिकायत भी दी, परन्तु अभी तक उन्हें इस बारे में पता नहीं है। 

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