Edited By Shivam, Updated: 21 Apr, 2020 08:02 PM
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देशभर में डॉक्टरों के खिलाफ जारी हमलों को देखते हुए 22 अप्रैल को सफेद कोट डालकर सफेद दिवस और 23 अप्रैल को काले बिल्ले लगाकर काला दिवस मना कर रोष प्रकट करने का निर्णय लिया है।
यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देशभर में डॉक्टरों के खिलाफ जारी हमलों को देखते हुए 22 अप्रैल को सफेद कोट डालकर सफेद दिवस और 23 अप्रैल को काले बिल्ले लगाकर काला दिवस मना कर रोष प्रकट करने का निर्णय लिया है।
यमुनानगर में मीडिया से बातचीत में एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजन शर्मा ने कहा कि कई राज्यों में कोविड 19 के आऊटब्रेक के दौरान डॉक्टरों पर हमले करके उनमें असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। उन्होंने कहा कि हालांकि कई राज्यों ने इन खतरों को देखते हुए नेशनल सिक्योरिटी एक्ट भी लागू कर दिया है, लेकिन यह कोई स्थाई समाधान नहीं है।
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा को देखते हुए देशभर में स्पेशल एक्ट बनाकर उसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं जारी रह सके, और डॉक्टर गंभीरता के साथ अपना कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि देश भर में कई इलाकों में डॉक्टरों, नर्सों व अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों पर हमले हुए हैं। डॉ राजन शर्मा ने कहा कि डॉक्टरों का सबसे पहला धर्म है कि वह कोई भी धर्म व जाति का व्यक्ति है उसका इलाज करें, उसके लिए कोई जात, धर्म नहीं है। और इसी भावना के साथ पूरे देश में डॉक्टर काम कर रहे हैं, लेकिन मु_ी भर लोग इस सिस्टम को प्रभावित करने में लगे हुए हैं।