शहर में फल-फूल रहा अवैध पी.जी. का गोरखधंधा

Edited By Shivam, Updated: 05 Mar, 2019 03:07 PM

illegal pg in rohtak

शहर में बेखौफ अवैध रूप से चल रहे पी.जी. सैंटर नगर निगम को हर साल लाखों रुपए की चपत लगा रहे हैं। बावजूद इसके निगम के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। इस समय करीब 1500 पी.जी. चल रहे हैं जिनमें से अधिकतर अवैध हैं। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस द्वारा भी...

रोहतक (स.ह.): शहर में बेखौफ अवैध रूप से चल रहे पी.जी. सैंटर नगर निगम को हर साल लाखों रुपए की चपत लगा रहे हैं। बावजूद इसके निगम के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। इस समय करीब 1500 पी.जी. चल रहे हैं जिनमें से अधिकतर अवैध हैं। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस द्वारा भी पी.जी. में रहने वाले विद्यार्थी और अन्य व्यक्तियों के रिकार्ड की कोई जांच पड़ताल नहीं की जाती। शहर के मॉडल टाऊन, तिलक नगर, भरत कालोनी, छोटू राम नगर, प्रेम नगर, ताउ नगर, सुभाष नगर, संजय कालोनी, आदर्श नगर, रामगोपाल कालोनी सहित सैक्टर-14 व एक में इस समय अवैध पीजी की ऊंची-ऊंची इमारतें साफ दिखाई दे रही हैं। इन पीजी को बनाने के लिए बनाने के लिए वैसे तो कई तरह के नामर्स पूरे करने होते हैं, लेकिन शहर में नियम या कायदे कानून की किसी को परवाह नहीं है। जिला एवं नगर निगम प्रशासन की अनदेखी के चलते भी शहर में यह गोरखधंधा खूब फल-फूल रहा है।

मात्र 20 पी.जी. सैंटर और हॉस्टल मिले
नगर निगम से जुड़े सूत्रों की मानें तो उनके पास केवल 150 संस्थानों की सूची है। जिसमें ज्यादातर होटल, रैस्टोरैंट, बैंक्वेट हाल, ऑटो एजैंसी से लेकर दूसरे संस्थान मिले। इसमें पी.जी. सैंटर या हॉस्टल की संख्या मात्र 20 पाई गई। जबकि शहर के अंदर बजरंग भवन फाटक से लेकर दिल्ली बाईपास तक दोनों तरफ संैकड़ों पी.जी. गैस्ट हाऊस और हॉस्टल चल रहे हैं। एम.डी.यू. और पी.जी.आई. जैसे बड़े संस्थान नजदीक होने के कारण एरिया में लोगों ने घरों को पीजी गैस्ट हाऊस में बदला हुआ है। इतना ही नहीं, एम.डी.यू. और पी.जी.आई. में हॉस्टल की सीटें कम होने के कारण काफी लोगों ने निजी हॉस्टल तक खोल रखे हैं। 

निगम को आॢथक नुक्सान तो, सुरक्षा के लिए भी खतरा
शहर को प्रदेश की राजनीतिक राजधानी माना जाता है। सुरक्षा के लिहाज से शहर बेहद संवेदनशील है। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भड़के दंगों के बाद तो सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा संवेदनशील हो गई है। अब डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम भी रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। इसके बावजूद पी.जी. सैंटर और हॉस्टल का पंजीकरण न होना निगम के साथ-साथ पुलिस के लिए भी चुनौती रहता है। निगम को जहां आॢथक नुक्सान होता है, वहीं पुलिस को अंदेशा रहता है कि यहां कहीं कोई बाहर से असामाजिक तत्व न रह रहे हों।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!