नारायणगढ़ जोन में चल रहा अवैध खनन, प्रशासन बेखबर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Feb, 2018 08:37 PM

illegal mining going on in narayangarh zone

भ्रष्टाचार के  प्रति जीरो टॉलरेंश की नीति अपनाने वाली भाजपा सरकार की यह नीति नारायणगढ़ क्षेत्र में माईनिंग के माले में शून्य नजर आ रही हैं। उल्लेखनीय हैं कि प्रदेश सरकार ने नदियों में माईनिंग को खोल दिया है। नारायणगढ़ जोन में पडने वाली मारकण्डा, रूण...

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंश की नीति अपनाने वाली भाजपा सरकार की यह नीति नारायणगढ़ क्षेत्र में माईनिंग के माले में शून्य नजर आ रही हैं। उल्लेखनीय हैं कि प्रदेश सरकार ने नदियों में माईनिंग को खोल दिया है। नारायणगढ़ जोन में पडने वाली मारकण्डा, रूण व बेगना नदी में खनन कार्य का ठेका लगभग 84 करोड़ रूपये में दिया गया है। खनन के ठेके के दौरान खनन विभाग द्वारा खनन से सम्बन्धित कुछ नियम व शर्ते भी निर्धारित की गई हैं। जिनका पालन ठेकेदार द्वारा खनन कार्य करते समय लाजमी बताया गया है। क्षेत्र में चल रहे खनन के कार्य में नियमों एवं शर्तो की  अनदेखी की जा रही हैं। रात के अंधेरे में खनन का बेतहासा कार्य मशीनों की मदद से किया जा रहा है।
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पंजाब केसरी टीम ने जब नदियों मारकण्डा, रूण, शुकरो व बेगना नदीयों के वर्तमान हालात का जायजा लेने के लिए क्षेत्र में पडने वाली नदियों का दौरा किया। तो पाया कि नदी में 30-40 फुट तक मशीनों के द्वारा गहरे गडडे पिछले कुछ दिनों में खोद दिए गए। खनन सामग्री रेत, बजरी, गटका आदि को निकाल लिया गया है। जिससे नदियों का स्वरूप एक बार फिर से बिगडता जा रहा है।

हैरानी की बात तो यह है कि खनन के कारण ही कुछ वर्षो पूर्व वर्ष 2008 में काला आम्ब में मारकण्डा नदी पर स्थित पूल खनन की भेंट चढ़ चुका है। इनता ही नहीं खनन के चलते वन विभाग को भी अपनी भूमि की चिन्ता सताने लगी हैं। नदियों के आस-पास स्थित वन विभाग की भूमि के पास अगर खनन जारी रहता हैं तो ना केवल भूमि का कटाव होने की प्रबल संभावना है बल्कि निकट भविष्य में हजारों पेड इसकी भेंट चढने से इंकार नहीं किया जा सका हैं। 

इन्हीं गम्भीर हालातों पर वन विभाग के रेंज अधिकारी का कहना हैं कि उन्हें इस सम्बन्ध में एक विस्तृत रिर्पोट प्रशासन व विभाग के उच्चाधिकारियों को भेज दी हैं।
पी.डब्लयू.डी विभाग के कार्यकारी अभियन्ता का कहना है कि पूल के 1 किलोमीटर उपर की तरफ व 2 किलोमीटर नीचे की तरफ उत्खनन नहीं किया जा सकता। भारतीय खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम-1957 के अनुसार यदि किसी भी व्यक्ति को अनधिकृत उत्खनन में संलिप्त पाया जाता हैं, तो उसके खनिज उपकरण, वाहन आदि को जब्त कर लिया जाएगा।खनन अधिकारी  ने बताया कि नदी में जे.सी.बी मशीन से खनन करने पर पाबन्दी हैं अगर कोई ऐसा करता पकडा गया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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लोगों के यह आरोप है कि सत्ता से जुड़े एक मंत्री व उनके रिश्तेदार इस अवैध खनन व ट्रको की ओवर लोडिंग के कामों में कानून को धत्ता बता रहें है। सत्ता के संरक्षण में अवैध खनन के आरोप इनेलो व कांग्रेसी नेता भी लगा यहां विरोध करते रहतें है।दूसरी तरफ यहां से विधायक व राज्य मंत्री नायब सैनी ने इन सभी आरोपों को निराधार व मनगढंत बताते हुए कहा कि जो लोग जनता के दरबार मे बुरी तरह शिकस्त खा चूके है। वह बोखलाहट में ऐसे बयान दे रहें है।वर्त्तमान सरकार न तो गलत काम करती है और न ही बर्दाश्त करती है।जो गलत काम करतें हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है।  

 

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