दलित समाज के सैकड़ों लोगों ने किया धर्म परिवर्तन(VIDEO)

Edited By Deepak Paul, Updated: 16 Aug, 2018 11:04 AM

जींद में डीसी की कोठी से चंद दूरी पर सैकड़ों दलितों ने गतदिवस धर्म परिवर्तन किया है। दीक्षा देने के लिए बौद्ध भिक्षुओं ने सामूहिक रूप से बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन कराया। दलित नेता दिनेश खापड़ का कहना है कि विभिन्न मांगों को लेकर दलित समाज के लोग...

जींद(विजेंदर कुमार): जींद में डीसी की कोठी से चंद दूरी पर सैकड़ों दलितों ने गतदिवस धर्म परिवर्तन किया है। दीक्षा देने के लिए बौद्ध भिक्षुओं ने सामूहिक रूप से बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन कराया। दलित नेता दिनेश खापड़ का कहना है कि विभिन्न मांगों को लेकर दलित समाज के लोग पिछले करीबन 6 महीने से धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही। उनका कहना है कि सरकार करीबन 30 फिसदी छोटी छोटी मांगों को तो मान चुकी है, लेकिन जो बड़ी बड़ी मांगे हैं वे अभी भी अधर में लटकी पड़ी है।

प्रदेश में हुए कईं दलित गैंग रेप मामलों में सीबीआई जांच करवाई जानी बाकी है, उनके परिवारों को नौकरी दी जानी बाकी हैं, उनके परिवारों को सुरक्षा दी जानी बाकी हैं। कईं दलित शहीदों के मामले में स्मारक बनाने, नौकरी देने की मांग बाकी है। खापड़ का कहना है कि इन सब मांगो को लेकर कईं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जा चुका है लेकिन सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही। 
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खापड़ का कहना है कि सरकार को कईं दिन पहले ही यह चेतावनी दे दी गई कि यदि 15 अगस्त से पहले- पहले सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो एक हजार से ज्यादा दलित 15 अगस्त को आजादी के दिन हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाने पर मजबूर होंगे। खापड़ का कहना है कि अभी तक सरकार की तरफ से कोईं संदेश उन्हें नहीं मिला है ऐेसे में धर्म परिवर्तन किया गया है

पीड़ित परिवार के लोगों ने कहा कि छातर गांव में 2015 में जम्मू कश्मीर के कठुआ में CRPF में तैनात जवान सतीश शहीद हो गया था, लेकिन आज तक सरकार ने उनके परिवार को नौकरी नही दी है और ना ही गांव में उनके नाम का कोई भी स्मारक बनाया गया ,उन्होंने कहा कि उनको मरोपरांत राष्ट्रपति मैडल भी मिला था।
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वहीं 1985 में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सूबे सिंह के लड़के ने कहा कि सरकार ने वायदा किया था कि 18 साल का होने के बाद उनको नौकरी दे दी जाएगी लेकिन 2001 में 18 साल उम्र पूरी करने के बाद अब तक धक्के खाने को मजबूर है। इसलिए आज पूरे परिवार के साथ धर्म परिवर्तन किया है।उ न्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह से लेकर हर जगह धक्के खा चुके है लेकिन न्याय नही मिला है।
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बोध भिक्षुओं का कहना है की इनकी सही मायने में तो घर वापसी होगी क्योंकि प्राचीन काल में ये सब बोध थे, लेकिन समय के साथ ये गुमराह हो गए और आज ये दोबारा जाग गए हैं और घर वापसी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचसील की शिक्षा इनको दी गई है। उन्होंने कहा कि अब चीन इनको आवाज को UNO में भी बुलंद करेगा।
इस मामले पर प्रदेश के कृषि मंत्री ओपी धनकड़ ने कहा कि धर्म जीवन से बड़ा होता है और मांगो के लिए कभी भी धर्म परिवर्तन नही करना चाहिए। दलित समाज की क्या मांगे है उनके संज्ञान में नही है।

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