'एच.टैट. परीक्षा में आपत्तिजनक सवालों के अंक सभी कैंडीडेट्स को देंगे'

Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Jul, 2017 01:58 PM

htet examination government of haryana

हरियाणा राज्य में फरवरी, 2016 में आयोजित हुई एच.टैट. लैवल-3(पी.जी.टी.) परीक्षा के कुछ ‘मल्टीपल च्वायस’ सवालों के जवाबों में त्रुटि

चंडीगढ़(बृजेन्द्र):हरियाणा राज्य में फरवरी, 2016 में आयोजित हुई एच.टैट. लैवल-3(पी.जी.टी.) परीक्षा के कुछ ‘मल्टीपल च्वायस’ सवालों के जवाबों में त्रुटि बताते  हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सरकार ने एफिडेविट दायर कर 5 संदिग्ध सवालों को लेकर परीक्षा में बैठे सभी कैंडीडेट्स को इन सवालों का लाभ देने की बात कही है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने संबंंधित याचिका का निपटारा कर दिया।

याचिका में इन 5 सवालों को लेकर कहा गया था कि इन सवालों के जवाबों में गड़बड़ी थी जिनमें से कुछ के 2 जवाब सही थे। सरकार ने कैंडीडेट्स द्वारा इन सवालों को अटैम्प्ट किए जाने के हिसाब से आंकलन कर अंक देने का फैसला किया है। इसके अलावा एक सवाल के गलत जवाब होने के संबंध में सभी कैंडीडेट्स को पहले ही सरकार एक अंक प्रदान कर चुकी है। 

गुड़गांव की सरिता यादव ने मामले में बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन, हरियाणा, अस्टिेंट सेक्रेटरी (स्पैशल एग्जाम), बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन तथा हरियाणा स्टाफ सिलैक्शन कमीशन को पार्टी बनाया था। याचिका में फरवरी, 2016 में आयोजित हुई एचटैट लेवल-3(पी.जी.टी.) परीक्षा के संबंध में जारी ‘आंसर की’ को रद्द करने की मांग की गई थी। जिसमें त्रृटि होने के आरोप लगाए गए थे। इसके अलावा हाईकोर्ट से मांग की गई थी कि याची का रिजल्ट संशोधित करते हुए उन्हें एक अंक प्रदान करें जिस सवाल का उन्होंने सही जवाब दिया था। 

याची पक्ष की तरफ से एडवोकेट जगबीर मलिक और संतोष मलिक केस की पैरवी कर रहे थे। याचिका में मांग की गई थी कि हरियाणा स्टाफ सिलैक्शन कमीशन को आदेश दिए जाए कि केस के लंबित रहने तक अंतरिम रुप से याची को वर्ष 2015 के विज्ञापन के तहत पी.जी.टी. संस्कृत के चयन में भाग लेने की अनुमति दी जाए। 
 

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