कैसे होगी पढ़ाई: शिक्षकों की कमी से जूझ रहा विभाग

Edited By Naveen Dalal, Updated: 10 Jun, 2019 12:09 PM

how will education be done department of teachers suffering

शिक्षा विभाग में लंबे समय से शिक्षकों की भारी कमी खल रही है। प्रदेश में 2200 गवर्नमैंट सीनियर सैकेंडरी हैं। जिनमें से 800 स्कूल बगैर प्रिंसीपलों के...

हिसार (संदीप): शिक्षा विभाग में लंबे समय से शिक्षकों की भारी कमी खल रही है। प्रदेश में 2200 गवर्नमैंट सीनियर सैकेंडरी हैं। जिनमें से 800 स्कूल बगैर प्रिंसीपलों के चल रहे हैं। अगर शिक्षा विभाग 800 लैक्चरार्स को सीनियरिटी के अनुसार प्रमोट करके प्रिंसीपल बनाता है तो बाद में 800 लैक्चरार्स के पद खाली हो जाएंगे। ऐसे में शिक्षा विभाग असमंजस की स्थिति में उलझा हुआ है। शिक्षक संगठनों ने बताया कि हिसार में करीब 100 से ज्यादा राजकीय प्राइमरी स्कूल, राजकीय हाई स्कूल व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ऐसे हैं जहां पिंसीपल नहीं है। जिले के 5 सीनियर सैकेंडरी स्कूल के प्राचार्यों को ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर का चार्ज दिया हुआ है। ये प्राचार्य अपने स्कूल को संभालेंगे या फिर पूरे ब्लॉक की जिम्मेदारी संभालें।

हरियाणा स्कूल लैक्चरार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार से सरकारी स्कूलों में खाली पड़े प्राचार्यों के पदों को तुरंत प्रभाव से पदोन्नति के माध्यम से भरने की अपील की है। संगठनों के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार एवं शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की गलत नीतियां ही सरकारी स्कूलों की स्थिति कमजोर करने पर लगी हुई हैं। 

शिक्षा विभाग ले रहा रैशनेलाइजेशन का सहारा
शिक्षा विभाग रैशनेलाइजेशन के तहत शिक्षकों के तबादले करके शिक्षकों की कमी पर पर्दा डालने का काम करने जा रहा है। शिक्षा विभाग का कहना है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान सभी राजकीय स्कूलों में शिक्षकों के तबादले कर दिए जाएंगे। जिससे सभी स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी। शिक्षकों की कमी के कारण ही सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम हमेशा कमजोर आता रहा है। 

सक्षम युवाओं से मदद मांग रहा शिक्षा विभाग
इसी सप्ताह शिक्षा विभाग ने रोजगार कार्यालय से 500 सक्षम युवाओं की मदद मांगी है। ये 500 युवा 50 हजार से ज्यादा मासिक वेतन लेने वाले शिक्षकों के एक साल के पैंङ्क्षडग कार्य को महज 1 से 3 महीने में पूरा करके देंगे। सक्षम युवाओं से स्कूलों में व शिक्षा विभाग के कार्यालयी कार्य भी करवाएं जाएंगे। जैसे एम.आई.एस. पोर्टल पर डाटा अपलोड करवाया जाएगा। विद्याॢथयों के इनरोलमैंट ऑनलाइन करवाएं जाएंगे। विद्याॢथयों के एडमिशन डाटा एम.आई.एस. पोर्टल अपलोड करवाया जाएगा। ये सभी कार्य शिक्षकों के व स्कूल क्लर्क के होते हैं। अब ये कार्य समक्ष युवा करेंगे।

ग्रुप डी के कर्मचारियों से भी करवाया जाता है अन्य कार्य
नाम नहीं छापने की शर्त पर किसी ग्रुप डी के कर्मचारी ने बताया कि शिक्षा विभाग में जो ग्रुप डी के कर्मचारी भर्ती हुए थे, उनसे शिक्षकों की कमी के कारण अन्य कार्य करवाए जा रहे हैं। कई स्कूलों में ग्रुप डी के कर्मचारियों से क्लर्क का, व कहीं पे पढ़ाने का कार्य करवाया जा रहा है। इसके अलावा अन्य विभागीय कार्य भी करवाए जाते हैं। जिस पोस्ट पर वो ज्वाइन हुए थे उनसे उस पोस्ट का कार्य नहीं करवाया जाता है।

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