नहीं थम रही हुड्डा वर्सेज तंवर की सियासी जंग, प्रदेश कांग्रेस में अब फैसले की घड़ी

Edited By Isha, Updated: 21 Aug, 2019 10:39 AM

hooda vs tanwar s political battle is not ending

हरियाणा कांग्रेस में चल रही हुड्डा वर्सेज तंवर की सियासी जंग थमने का नाम नहीं ले रही। विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और पार्टी में व्यक्तिगत लड़ाई चरम पर पहुंच गई है हालांकि संभावना

डेस्कः हरियाणा कांग्रेस में चल रही हुड्डा वर्सेज तंवर की सियासी जंग थमने का नाम नहीं ले रही। विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और पार्टी में व्यक्तिगत लड़ाई चरम पर पहुंच गई है हालांकि संभावना यही व्यक्त की जा रही है कि हाईकमान इस संदर्भ में कोई ठोस फैसला जल्द ही लेगा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से रोहतक में की गई महापरिवर्तन रैली के बाद तो हुड्डा व तंवर के बीच वर्चस्व की लड़ाई पूरे चरम पर है।

समर्थकों के दबाव के बावजूद हुड्डा ने बेशक पार्टी नहीं छोड़ी पर उन्होंने बिना किसी प्लेटफार्म के कांग्रेस में होते हुए भी व्यक्तिगत घोषणा-पत्र जारी कर तीखे तेवर जरूर दिखा दिए। वहीं,हुड्डा पर घोषणाओं की झड़ी लगाने को तंवर ने अनुशासनहीनता बताते हुए इसकी शिकायत हाईकमान को करने की बात कह अपने तल्ख तेवर दर्शा दिए। संभवत:यह पहला मौका है जब तंवर ने सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम लेकर उन्हें अनुशासनहीनता के दायरे में घसीटा है।

5 वर्षों से जारी है प्रदेश कांग्रेस में खींचतान
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में पिछले करीब 5 वर्ष से कांग्रेस में आपसी खींचतान जारी है। व्यक्तिगत बयानबाजी से लेकर छींटाकशी,नोंक-झोंक, मारपीट से लेकर यह लड़ाई सड़कों तक पहुंच चुकी है। नेताओं की आपसी खींचतान का परिणाम ही है कि न तो पार्टी की ओर से जिलाध्यक्ष, ब्लॉकध्यक्षों की नियुक्ति हुई और न ही अन्य पदाधिकारियों की। इन सबके बीच अब पिछले कुछ समय से तो हुड्डा पार्टी में सम्मानजनक पद न मिलने से आहत चल रहे हैं। समर्थकों के दबाव में ही उन्होंने रोहतक में महापरिवर्तन रैली की। रैली में उनका दर्द जुबां पर आया,लेकिन उन्होंने पार्टी से किनारा नहीं किया। हालांकि समर्थकों का दबाव था कि वह किनारा कर अलग सियासी प्लेटफार्म खड़ा करें,मगर वह ऐसा कुछ नहीं कर पाए। वहीं, उनकी घोषणाओं पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने भी तल्ख अंदाज में हाईकमान को शिकायत करने की बात कही। ऐसे में अब हाईकमान के पास प्रदेश कांग्रेस को सही राह पर लाने एवं मजबूत करने की बड़ी चुनौती है।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार विधानसभा चुनाव जल्द होने वाले हैं। ऐसे में अब वक्त आ गया है कि हाईकमान कोई अहम फैसला ले। उनका कहना है कि इन हालातों में हाईकमान का रुख देखने वाला होगा? हाईकमान आने वाले समय में हुड्डा को सम्मानजनक पद पर एडस्ट करता है या नहीं और तंवर को अध्यक्ष पद पर रखा जाता है या नहीं? इन सवालों के जवाब भी जल्द मिल सकते हैं। हुड्डा को एडजस्ट न करने की सूरत में उनके भावी कदम के बारे में स्थिति जल्द स्पष्ट हो जाएगी। कुल मिलाकर प्रदेश कांग्रेस को लेकर हाईकमान द्वारा कोई ठोस फैसला करने की घड़ी अब नजदीक ही नजर आती है और संभावना है कि हाईकमान इसी माह में हर हाल में कोई बड़ा फैसला अवश्य लेगा।

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