Edited By Shivam, Updated: 17 Mar, 2020 11:02 PM
हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने मंगलवार को प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबन्धन सरकार के वर्ष 2020-21 के बजट पर अपना आंकलन बताते हुए कहा कि यह बजट विकास में पीछे और कर्ज बढ़ाने में आगे है। हुड्डा ने कहा कि विकास पर...
चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने मंगलवार को प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबन्धन सरकार के वर्ष 2020-21 के बजट पर अपना आंकलन बताते हुए कहा कि यह बजट विकास में पीछे और कर्ज बढ़ाने में आगे है। हुड्डा ने कहा कि विकास पर खर्च किया जाने वाला पूंजीगत खर्च इस बजट का मात्र 14 हजार करोड़ यानि कि दस फीसदी भी नहीं है। दूसरी ओर कर्ज बढ़कर 1 लाख 98 हजार करोड़ से आगे निकल गया है। कर्ज की किस्त और ब्याज पर कुल बजट का 28.61 फीसदी खर्च किया जा रहा है।
हुड्डा ने कहा कि बजट के इस हाल के चलते प्रदेश में लोग बेरोजगारी एवं महंगाई से त्रस्त है। किसान बर्बादी के कगार पर है। कानून-व्यवस्था खस्ताहाल है। नौकरियों और शिक्षा के लिए आयोजित परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं, ऐसी स्थिति बनी हुई है कि सरकार ही नहीं है। सत्तारूढ़ गठबंधन ठगबंधन बन गया है। इस गठबंधन के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का कोई पता नहीं है। चुनावी वायदे पूरे करने की दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि राजस्व घाटा और राजकोषीय घाटा लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश पर कर्ज सकल घरेलू उत्पाद का 21.14 फीसदी हो गया है। प्रदेश पर वर्ष 2013-14 में कर्ज 60 हजार 300 करोड़ रूपए था जो कि अब 1 लाख 98 हजार करोड़ से अधिक हो गया है। वित्तीय प्रबन्धन में यह सरकार नाकाम रही है। प्रदेश में राजकोषीय घाटा वर्ष 2013-14 में 2.07 फीसदी था जो कि अब 2.74 फीसदी हो गया है। सरकार राजकोषीय घाटा जितना दिखा रही है उससे अधिक है। कुल प्राप्तियां भी बढ़ा-चढ़ा कर दिखाई गई हैं। कर्ज अगर 25 हजार 682 करोड़ लिया गया है तो इतना पूंजीगत खर्च होना चाहिए। बजट में कृषि और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर खर्च दिखाया ज्यादा है लेकिन कम किया गया है।